बुरी फंसी नोएडा पुलिस: सुप्रीम कोर्ट से एल्विश यादव को राहत, यूपी सरकार को किया तलब, कहा- चार्जशीट मजाक है क्या?

सांप के जहर और रेव पार्टी मामले में सोशल मीडिया स्टार एल्विश यादव को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई है और यूपी सरकार से जवाब मांगा है। जांच में कोई सबूत नहीं मिलने पर नोएडा पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठे हैं। शिकायतकर्ता भी ‘फर्जी’ निकला, जिससे पूरे मामले की साख पर बट्टा लग गया है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 7 August 2025, 1:46 PM IST
google-preferred

Noida News: सोशल मीडिया स्टार और यूट्यूबर एल्विश यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सांप के जहर और रेव पार्टी केस में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इस फैसले के साथ ही नोएडा पुलिस की जांच और नियत पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

क्या था मामला

एल्विश यादव पर मार्च 2024 में आरोप लगा था कि उन्होंने एक रेव पार्टी में सांपों और उनके जहर का इस्तेमाल किया। वायरल वीडियो के आधार पर ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन न जांच में सांप मिला, न जहर और न कोई पुख्ता सबूत। बावजूद इसके चार्जशीट दाखिल कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने इसी को लेकर सख्त रुख अपनाया और मामले की कार्यवाही पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।

नोएडा पुलिस सवालों में घिरी

अब सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि जब न कोई बरामदगी हुई, न कोई जहर मिला, न सांप बरामद हुए और न ही रेव पार्टी की पुष्टि तो आखिर पुलिस ने किस आधार पर चार्जशीट दाखिल की? क्या पुलिस ने जांच से पहले ही निष्कर्ष निकाल लिया था? क्या यह सब एक पूर्व नियोजित रणनीति का हिस्सा था, जिसका मकसद किसी लोकप्रिय व्यक्ति को बदनाम करना था?

शिकायतकर्ता भी निकला 'फर्जी अधिकारी'

इस केस को और विवादित बना दिया शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता ने जो खुद को एक सरकारी अधिकारी बताता था, लेकिन बाद में फर्जी निकला। इससे न सिर्फ केस की गंभीरता पर सवाल उठे, बल्कि पुलिस की तत्परता पर भी शक पैदा हो गया। बिना जांच-पड़ताल के एफआईआर दर्ज करना और बाद में चार्जशीट दाखिल कर देना- क्या ये न्याय की प्रक्रिया का मजाक नहीं?

यूपी सरकार से जवाब तलब

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से भी जवाब मांगा है कि आखिर इस मामले में कार्यवाही क्यों जारी रखी गई, जबकि जांच में कोई ठोस आधार नहीं मिला। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्रवाई व्यक्ति की प्रतिष्ठा और छवि को नुकसान पहुंचाने वाली हो सकती है।

नोएडा पुलिस पर गंभीर सवाल

अब जो सवाल उठ रहे हैं, वे सिर्फ एल्विश यादव तक सीमित नहीं हैं। क्या नोएडा पुलिस को सिर्फ ‘नाम’ चाहिए था? क्या लोकप्रियता को अपराध का आधार मान लिया गया? क्या बिना पुख्ता सबूतों के सिर्फ सोशल मीडिया दबाव के चलते कार्रवाई की गई? ये सारे सवाल अब पुलिस की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर सीधा हमला कर रहे हैं।

एल्विश यादव ने क्या कहा?

एल्विश यादव ने कोर्ट के फैसले के बाद राहत की सांस ली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, “सच की जीत हुई है। मैं शुरू से ही कह रहा था कि मुझ पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। मुझे देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा था और आज वही भरोसा और मजबूत हुआ है।”

 

Location : 
  • Noida

Published : 
  • 7 August 2025, 1:46 PM IST