

सीतापुर की 12 साल की बच्ची को सहेली सूरत ले गई, जहां गैंगरेप और धर्मांतरण का दबाव बनाया गया। परिजन की शिकायत पर पुलिस ने पहले कार्रवाई नहीं की, SP के हस्तक्षेप पर FIR हुई और थानाध्यक्ष को लाइनहाजिर किया गया।
बच्ची से गैंगरेप और जबरन धर्मांतरण की कोशिश (सोर्स- इंटरनेट)
Sitapur: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 12 साल की मासूम बच्ची को बहला-फुसलाकर सूरत ले जाकर गैंगरेप किया गया और उस पर जबरन धर्मांतरण का दबाव भी बनाया गया। घटना की रिपोर्ट रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र की है, जहां शुरुआती स्तर पर पुलिस की भारी लापरवाही सामने आई।
ये है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, लड़की की सहेली निस्बा, जो उसके साथ स्कूल में पढ़ती थी। उसे 14 जुलाई को अपने मामा के घर घुमाने के बहाने साथ ले गई। बच्ची घर नहीं लौटी, तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की और निस्बा के घर जाकर पूछताछ की। निस्बा की मां साबिया ने पहले बहाना बनाया, लेकिन बाद में कहा कि “जहां गई है, वहां आपकी बेटी अब राज करेगी।”
पीड़िता ने बताई आपबीती
काफी दबाव डालने पर 19 जुलाई को साबिया बच्ची को लेकर वापस घर आई। घर लौटने पर बच्ची ने जो आपबीती सुनाई, वह दिल दहला देने वाली थी। उसने बताया कि निस्बा उसे नकाब पहनाकर सूरत ले गई, जहां उसका मामा शाहरुख और एक अन्य युवक पहले से मौजूद थे। वहां उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया और रोज चाय में नींद की गोलियां मिलाकर बेसुध कर दिया जाता था।
मुंह में ठूंसते थे कपड़ा
बच्ची ने बताया कि होश में आने पर वह खुद को बिना कपड़ों के पाती थी। आरोपियों ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और उससे कहा कि अगर वह मुस्लिम धर्म अपना लेगी, तो उसे कोई दिक्कत नहीं होगी।
दो दिन बाद शुरू हुई कार्रवाई
बच्ची के पिता जब 20 जुलाई को थाने और पुलिस चौकी पहुंचे, तो कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः 22 जुलाई को SP अंकुर अग्रवाल से मिलने के बाद कार्रवाई शुरू हुई। बता दें कि SP के निर्देश पर निस्बा, उसके माता-पिता और दो अन्य लोगों के खिलाफ गैंगरेप, अपहरण, धर्मांतरण और पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।
पुलिस की लापरवाही को देखते हुए थानाध्यक्ष कृष्ण नंदन तिवारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। बच्ची के पिता का कहना है कि अगर समय पर पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो उनकी बेटी की यह दुर्दशा नहीं होती।