

सोनभद्र के करइल गांव के सरकारी स्कूल में मिड-डे मील की घोर लापरवाही सामने आई है। आटे और चावल में कीड़े, सड़े केले और गंदे पानी से बने खाने को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया। मामले की जांच शुरू हो चुकी है और प्रभारी अध्यापक को हटा दिया गया है।
विद्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने किया विरोध
Sonbhadra: शासन की मंशा जहां स्कूलों में मिड-डे मील के जरिए बच्चों को पौष्टिक आहार देने की है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सोनभद्र जिले के कोन ब्लॉक स्थित करइल गांव के कंपोजिट विद्यालय में मिड-डे मील की खराब गुणवत्ता को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे विद्यालय की जांच के दौरान ग्रामीणों ने मिड-डे मील में इस्तेमाल हो रहे आटे और चावल में कीड़े पाए। साथ ही बच्चों को दिए जा रहे केले भी सड़े हुए थे।
ग्रामीणों का आक्रोश उस वक्त और भड़क गया जब यह देखा गया कि भोजन की तैयारी के लिए उपयोग में लाया जा रहा पानी भी बेहद गंदा था। आरोप है कि यही पानी पीने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे बच्चों की सेहत पर गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं। स्कूल परिसर की स्थिति भी बेहद दयनीय है। शौचालय में घास-फूस और कूड़ा-कचरा भरा हुआ है। ऐसी गंदगी में बच्चों का रहना असुरक्षित है।
आटे-चावल में कीड़े और बच्चों को परोसे जो रहे सड़े केले
मिड-डे मील की यह स्थिति देखकर ग्रामीणों ने तुरंत विरोध जताया और स्कूल प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाई। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को जिस भोजन के नाम पर जहर परोसा जा रहा है, वह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। इससे पहले भी कई बार शिकायतें की गई थीं, लेकिन प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया।
मामला जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। लोगों ने वीडियो और तस्वीरें शेयर कर प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया। मीडिया द्वारा स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे फोन पर उपलब्ध नहीं हुए।
ग्रामीणों में आक्रोश
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) विश्वजीत कुमार ने कहा कि करइल गांव में जन्माष्टमी को लेकर ग्रामीणों में पहले से ही आक्रोश था। हालांकि, मिड-डे मील की खराब गुणवत्ता की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। प्रभारी अध्यापक को तत्काल प्रभाव से विद्यालय से हटाकर शिक्षा विभाग के कार्यालय से अटैच कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मामले की जांच चल रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि स्कूल में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करेंगे और बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।