

पर्यावरण संरक्षण और मातृत्व सम्मान को समर्पित “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत ए0डी0आर0 सेन्टर छजलापुर, रायबरेली में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश राजकुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में कई लोग मौजूद रहे।
एडीआर सेंटर में हुआ विशेष आयोजन
Raebareli: पर्यावरण संरक्षण और मातृत्व सम्मान को समर्पित "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के अंतर्गत ए0डी0आर0 सेन्टर छजलापुर, रायबरेली में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश राजकुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनुपम शौर्य व चीफ लीगल एड डिफेंस काउन्सिल राजकुमार सिंह डिप्टी लीगल एड एड डिफेन्स काउन्सिंल जय सिंह यादव, पैनल लायर व पराविधिक स्वयं सेवकगण उपस्थित रहे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, जनपद न्यायाधीश ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "माँ जीवन की प्रेरणा होती हैं और वृक्ष जीवन का आधार। जब हम माँ के नाम पर एक वृक्ष लगाते हैं, तो यह केवल पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और भावनात्मक चेतना के लिए भी एक महत्वपूर्ण कार्य होता है।" इस अभियान के तहत ए0डी0आर0 सेन्टर में अशोक के पौधे रोपे गए। जनपद न्यायाधीश द्वारा कार्यक्रम के अंत में पौधों की नियमित देखभाल एवं संरक्षण के लिए सम्बन्धित को निर्देशित किया गया की परिसर में लगाए गए पौधों की निगरानी और पालन-पोषण सुनिश्चित करेंगे। जनपद न्यायाधीश द्वारा यह निर्देश दिये गए इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन लगातार कराया जाये तथा इस अभियान को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया जाये।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार तथा माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली राजकुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में पैनल लायर्स व पराविधिक स्वयं सेवकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलन कर शुरुआत हुई। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम 07 व 08 जुलाई 2025 को ए0डी0आर0 सेन्टर रायबरेली में आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली के पैनल लायर्स व पराविधिक स्वयं सेवकों का महिलाओं व बच्चों से सम्बन्धित अधिकारों के प्रति विशेष रुप से जानकारी प्रदान करना।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहायक अभियोजन अधिकारी यदुवेन्द्र के द्वारा महिलाओं के अधिकार के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। पैनल अधिवक्ता शैलजा सिंह के द्वारा पारिवारिक मामलों के साथ-साथ भरण पोषण सम्बन्धित विषय, अधिवक्ता सुषमा सरोज के द्वारा भी पारिवारिक मामले, अधिवक्ता ममता यादव के द्वारा दौरान हिरासत विधिक अधिकारों के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। अधिवकता मधू सिंह के द्वारा गर्भाधान पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 गर्भावस्था की चिकित्सीय समाप्ति अधिनियम के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।
प्रथम दिवस के अन्तिम सत्र में अपर जिला जज/सचिव अनुपम शौर्य के द्वारा महिलाओं की घरेलू हिंसा से रक्षा, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित विषय विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस में अपर जिला जज/सचिव अनुपम शौर्य के द्वारा परिचय एवं आइस ब्रेकिंग सत्र के माध्यम से पैनल लायर्स व पराविधिक स्वयं सेवक की भूमिका के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। स्थायी लोक अदालत की सदस्या प्रीति पाण्डेय के द्वारा मौलिक अधिकारों के अन्तर्गत विभिन्न अनुच्छेद के साथ-साथ विधिक सेवा अधिनियम 1987 व नालसा विनियम के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।
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उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में डिप्टी लीगल एड डिफेन्स काउन्सिंल जय सिंह यादव के द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 सम्बन्धी विषय पर प्रकाश डाला गया। अधिवक्ता अन्जू के द्वारा बच्चों से सम्बन्धित कानून किशोर न्याय(बालको की देखभाल एवं संरक्षण अधिनियम) सम्बन्धी विषय पर प्रशिक्षण में सम्मिलित लोगों को जानकारी देकर जागरुक किया गया। प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस में अधिवक्ता मधू सिंह के द्वारा बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 व अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम व यौनकर्मियों से सम्बन्धित विषय पर जानकारी दी गयी।
उक्त प्रशिक्षण में असिस्टेन्ट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिंल योगेश चन्द्र के द्वारा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम विषय पर अपने विचार साझा किये गये। द्वितीय दिवस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सदस्या स्थायी लोक अदालत सुधा रानी के द्वारा बाल श्रम निषेध विनियमन अधिनियम 1986 व सरकार द्वारा बच्चों के कल्यार्थ चलायी जा रही योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में असिस्टेन्ट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिंल विपिन कुमार के द्वारा बच्चों से सम्बन्धित कारखाना अधिनियम सम्बन्धी विषय पर उपस्थित लोगों को जानकारी दी गयी। उक्त प्रशिक्षण के अन्तिम सत्र में प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन कर समस्त प्रशिक्षण प्राप्तकर्ता से उनकी प्रतिक्रिया ली गयी। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली अनुपम शौर्य की देखरेख में सम्पन्न हुआ।
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