

लखीमपुर खीरी में उस समय हड़कंप मचा जब एक महिला का शव परिजनों को 21 घंटे बाद भी नहीं मिला। बता दें कि महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए गया था, जो परिजनों को अभी तक नहीं मिला। यहां जानें पूरी घटना
लखीमपुर खीरी की बड़ी घटना (सोर्स- इंटरनेट)
Lakhimpur Kheri: उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर सदर क्षेत्र में 28 जून की सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां मानसिक रूप से अस्वस्थ एक महिला की मौत पूरे इलाके में हड़कंच मचा दिया। बता दें कि महिला ने एक साथ कई दवाइयां खा लीं, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई और अंत में उसकी मौत हो गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार महिला की पहचान शिल्पी के रूप में हुई है, जो पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव से जूझ रही थीं और उनका इलाज चल रहा था। तभी अचानक महिला ने कई सारी दवाएं एक साथ खा ली। महिला की मौत के बाद घर में मातम छा गया।
मृत्यु और पोस्टमार्टम में देरी
बता दें कि सुबह 8 बजे जब महिला की हालत बिगड़ने लगी, तो परिजन उन्हें तत्काल लहरपुर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां से डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए शिल्पी को लखीमपुर जिला अस्पताल ओयल रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश, वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी।
21 घंटे बाद भी नहीं मिला शव
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके स्थल पह पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शव पोस्टमार्टम के लिए शनिवार दोपहर 1 बजे भेजा गया था, लेकिन अभी तक यानी 29 जून सुबह 10:30 बजे तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। शव को पोस्टमार्टम के लिए गए हुए करीब 21 घंटे से अधिक हो गया है, लेकिन परिजनों को शव अभी तक नहीं मिला है।
परिजनों के आरोप
मृतका के पति दिग्विजय ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन कागजी कार्रवाई में अनावश्यक देरी कर रहा है, जिससे पोस्टमार्टम प्रक्रिया लंबित है। परिजनों का कहना है कि शव को समय से अंतिम संस्कार के लिए सौंपा नहीं गया, जिससे वे मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं। पोस्टमार्टम में देरी से नाराज़ परिजनों ने अस्पताल और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
न्याय और प्रशासनिक जवाबदेही की मांग
परिजनों का कहना है कि अगर कार्रवाई समय से होती तो कम से कम अंतिम विदाई समय पर दी जा सकती थी। अब परिजन न्याय और प्रशासनिक जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। इस मामले में प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए और परिजनों को न्याय दिलाना चाहिए।