

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक चौंकाने वाली वारदात में कोर्ट पेशी पर आए युवक की पुरानी रंजिश के चलते हत्या कर दी गई। पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुटी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।
थाना महोबा
Mahoba: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से हत्या के बदले हत्या की एक बेहद जघन्य और चौंकाने वाली वारदात सामने आई है। जिले के कालीपहाड़ी गांव में सोमवार शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब एक 45 वर्षीय युवक बृजेंद्र राजपूत का शव रेलवे ट्रैक के पास सुनसान इलाके में खून से लथपथ मिला। मृतक कुछ घंटे पहले ही आबकारी अधिनियम से जुड़े मुकदमे में पेशी के लिए जिला न्यायालय आया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मृतक बृजेंद्र, कालीपहाड़ी गांव का ही निवासी था और करीब दस वर्ष पूर्व जयपाल राजपूत नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। वर्ष 2024 में उसे इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिली थी, जिसके बाद वह जेल से रिहा हुआ था।
सोमवार को बृजेंद्र आबकारी के एक पुराने केस में पेशी के लिए कोर्ट आया था। देर शाम तक जब वह घर नहीं लौटा, तो परिजनों ने तलाश शुरू की। तभी खबर मिली कि कालीपहाड़ी गांव के पास उसका शव पड़ा मिला है।
परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना देने पर पुलिस अधीक्षक प्रबल प्रताप सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक वंदना सिंह और सीओ अरुण कुमार सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। फील्ड यूनिट और फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
वहीं दूसरी तरफ, मृतक के भाई सुरेंद्र राजपूत ने बताया कि उनके भाई को जयपाल के परिवार ने ही फंसाकर जेल भिजवाया था और अब बदले की भावना से उसकी हत्या कर दी गई। सुरेंद्र राजपूत ने कहा, हमने कालीपहाड़ी गांव छोड़ दिया था और अब चरखारी कस्बे के धनुषधारी मोहल्ले में रहते हैं। बृजेंद्र सिर्फ कोर्ट की पेशी के लिए गया था, लेकिन लौटकर वापस नहीं आया।
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सुरेंद्र का आरोप है कि जयपाल के बेटों और रिश्तेदारों ने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया।
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने चार अलग-अलग टीमें गठित की हैं, जो संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। अपर पुलिस अधीक्षक वंदना सिंह ने कहा, मृतक बृजेंद्र राजपूत दस साल पहले जयपाल की हत्या के मामले में सजा काट रहा था। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह बाहर आया था। हत्या के मामले में तफ्तीश जारी है, जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
इस नृशंस वारदात ने एक बार फिर से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस व्यक्ति को अदालत सुरक्षा के साथ सुनवाई के लिए बुलाती है, उसकी दिनदहाड़े हत्या होना सुरक्षा इंतजामों पर बड़ा सवालिया निशान है।घटना के बाद पूरे इलाके में तनावपूर्ण माहौल है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पहले कोई सुरक्षा नहीं दी, जबकि उन्हें पहले से हत्या की आशंका थी।