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महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक स्थित टीएचआर प्लांट से बाल पोषाहार बेचने का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन में हलचल मच गई। आरोप था कि पोषाहार चोरी कर निजी दुकानदारों को बेचा जा रहा है। लेकिन जांच में सारा सच सामने आ गया।
बाल पोषाहार बेचने का वीडियो वायरल
Maharajganj: उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लक्ष्मीपुर ब्लॉक में संचालित उदय प्रेरणा लघु उद्योग के टीएचआर (Take Home Ration) प्लांट से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें कुछ लोग बाइक पर बाल पोषाहार ले जाते हुए दिख रहे हैं। वायरल वीडियो के साथ यह आरोप भी लगाया गया कि प्लांट से पोषाहार चोरी कर निजी दुकानदारों को बेचा जा रहा है।
इस वीडियो के सामने आने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे। डाइनामाइट न्यूज़ ने इस पूरे प्रकरण की जमीनी पड़ताल की और कई अहम तथ्यों को उजागर किया।
लक्ष्मीपुर ब्लॉक में संचालित यह प्लांट उदय प्रेरणा लघु उद्योग के अंतर्गत आता है, जहां महिला समूहों द्वारा बाल पोषाहार का उत्पादन किया जाता है। यह पोषाहार आगंनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं और छोटे बच्चों को वितरित किया जाता है।
महराजगंज: लक्ष्मीपुर ब्लॉक स्थित टीएचआर प्लांट से बाल पोषाहार बेचने का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन में हलचल मच गई। आरोप था कि पोषाहार चोरी कर निजी दुकानदारों को बेचा जा रहा है। लेकिन डाइनामाइट न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया कि बेचा गया पोषाहार खराब (वेस्ट) था। मामले को लेकर… pic.twitter.com/OE9FB9oQfq
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 2, 2025
पड़ताल के दौरान समूह की महिलाओं ने स्पष्ट किया कि वीडियो में दिख रहा पोषाहार नियमित सप्लाई के लिए नहीं था, बल्कि यह खराब या वेस्ट पोषाहार था। उन्होंने बताया कि खराब पोषाहार को फेंकने की बजाय कुछ व्यक्तियों को निजी उपयोग के लिए बेचा गया था।
महिलाओं के अनुसार, कल कुल 70 किलो खराब पोषाहार था, जिसे 10 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा गया और प्राप्त 700 रुपये की राशि रजिस्टर में विधिवत दर्ज कर दी गई है। यह प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की गई थी और कोई चोरी या अनियमितता नहीं हुई।
समूह की सदस्यों ने बताया कि यहां 20 महिलाएं कार्यरत हैं और प्लांट में कुल 6 प्रकार के पोषक रेसपी तैयार किए जाते हैं। इन्हें ब्लॉक की अलग-अलग आगंनबाड़ी केंद्रों पर भेजा जाता है। हर प्रक्रिया में सावधानी बरती जाती है और रिकॉर्ड मेंटेन किया जाता है।
हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद ब्लॉक प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। ब्लॉक अधिकारियों ने कहा है कि जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।