

फरेंदा के एसडीएम शैलेन्द्र गौतम ने प्राथमिक विद्यालय बाजारडीह और बनकटी का औचक निरीक्षण कर भवन की हालत और मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की जांच की। निरीक्षण में खामियों पर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को समयबद्ध सुधार के निर्देश दिए। एसडीएम ने चेतावनी दी कि भविष्य में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी, ताकि बच्चों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पोषण मिल सके।
मिड-डे-मील के खाने की गुणवत्ता की जांच करते अफसर
Maharajganj News: फरेंदा के उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र गौतम ने प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कड़ा रुख अपनाते हुए बाजारडीह और बनकटी के प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति, कक्षों की टूटी खिड़कियां, साफ-सफाई और मध्यान्ह भोजन (मिड-डे मील) की गुणवत्ता को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
विद्यालय भवनों की दुर्दशा पर नाराज़गी
निरीक्षण के दौरान टूटे दरवाज़े-खिड़कियां, छतों से टपकता पानी और बरसात के कारण जलभराव की समस्या देख एसडीएम ने नाराजगी जताई। उन्होंने ईओ आनंदनगर और बीडीओ फरेंदा को निर्देशित किया कि जलनिकासी की व्यवस्था तुरंत सुनिश्चित की जाए। विद्यालयों की छतों की सफाई और मरम्मत समय से करवाई जाए। आगामी सर्दी को ध्यान में रखते हुए टूटी खिड़कियों की मरम्मत शीघ्र करवाई जाए।
मध्यान्ह भोजन में गुणवत्ता को लेकर सख्ती
बाजारडीह प्राथमिक विद्यालय के रसोई घर का निरीक्षण करते समय एसडीएम ने आटा और चावल के स्टॉक की जांच की। प्रथम दृष्टया चावल की गुणवत्ता खराब पाए जाने पर उन्होंने तत्काल उसे बदलवाने का निर्देश दिया। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि: “खुद मौके पर जाएं और मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की सतत निगरानी रखें। यदि भविष्य में कोई शिकायत मिली तो सीधी जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी की मानी जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।”
बच्चों के अधिकारों पर विशेष जोर
एसडीएम शैलेन्द्र गौतम ने स्पष्ट किया कि, “बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ पोषणयुक्त भोजन और सुरक्षित वातावरण मिलना उनकी मूलभूत आवश्यकता है, जिससे उनका शारीरिक व मानसिक विकास सही तरीके से हो सके।” उन्होंने विद्यालयों में व्यवस्था सुधारने के लिए संबंधित विभागों को समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए और चेतावनी दी कि लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लापरवाही पर सख्त कदम की उम्मीद
एसडीएम के इस औचक निरीक्षण से यह स्पष्ट संकेत गया है कि अब विद्यालयों में व्याप्त अनियमितताओं पर सख्त कार्यवाही होगी। अधिकारियों की लापरवाही अब जवाबदेही के घेरे में आएगी।