

महराजगंज जिले में यूरिया की भारी किल्लत से किसान बेहाल हैं, वहीं तस्करों का नेटवर्क सक्रिय होकर खाद को नेपाल भेजकर मोटा मुनाफा कमा रहा है। कोल्हुई पुलिस ने 20 बोरी यूरिया के साथ एक पिकअप जब्त किया है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
Mahrajganj: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के कोल्हुई में यूरिया खाद की किल्लत ने किसानों को परेशान कर रखा है, लेकिन तस्करों का नेटवर्क खाद की कालाबाजारी और नेपाल में तस्करी कर मोटा मुनाफा कमा रहा है। कोल्हुई पुलिस ने शनिवार को कार्रवाई करते हुए 20 बोरी अवैध यूरिया लदी एक पिकअप को पकड़कर नौतनवा कस्टम विभाग को सौंप दिया। सवाल यह है कि आखिर तस्करों को यह खाद कौन उपलब्ध करा रहा है?
किसानों की बढ़ी मुश्किलें
जिले में यूरिया की कमी के कारण किसान खाद के लिए भटक रहे हैं। दुकानों पर लंबी कतारें लग रही हैं, लेकिन खाद उपलब्ध नहीं हो रही। दूसरी ओर, तस्कर गोदामों और दुकानों से खाद हासिल कर सीमावर्ती गांवों में डंप कर रहे हैं। रात के अंधेरे में यह खाद नेपाल में ऊंचे दामों पर बेची जा रही है। इस कालाबाजारी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और प्रशासन के सामने बड़ा सवाल खड़ा किया है कि तस्करों को खाद की आपूर्ति कैसे हो रही है?
पुलिस की चेकिंग में पकड़ी गई अवैध खाद
वहीं कोल्हुई पुलिस ने तस्करी पर नकेल कसने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है। शनिवार को उपनिरीक्षक जनार्दन चौधरी अपनी टीम के साथ जिगिनिहा गांव में चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान एक संदिग्ध पिकअप को रोककर तलाशी ली गई, जिसमें 20 बोरी यूरिया बरामद हुआ। चालक ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह इस खाद को नेपाल में तस्करी के लिए ले जा रहा था। पुलिस ने तत्काल खाद को जब्त कर लिया।
कस्टम विभाग को सौंपा गया मामला
थाना प्रभारी आशीष सिंह ने बताया कि बरामद यूरिया को अग्रिम कार्रवाई के लिए नौतनवा कस्टम विभाग को भेज दिया गया है। पुलिस तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि गोदामों से तस्करों तक खाद कैसे पहुंच रही है। प्रशासन को इसकी जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
ऐसे में एक ओर किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहे हैं, दूसरी ओर तस्करों का संगठित नेटवर्क यूरिया को नेपाल में ऊंचे दामों पर बेचकर मुनाफा कमा रहा है। अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस गोरखधंधे पर सख्त कार्रवाई करे और खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कर किसानों को राहत दे।