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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी नई तैनाती सूची में बसंत सिंह को महराजगंज का नया पुलिस उपाधीक्षक नियुक्त किया गया है। सरकार का कहना है कि यह तैनाती कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और प्रशासनिक कार्य में गतिशीलता लाने के उद्देश्य से की गई है।
महराजगंज पुलिस अधीक्षक कार्यालय
Maharajganj: उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग में व्यापक फेरबदल करते हुए 34 पुलिस उपाधीक्षकों और सहायक पुलिस आयुक्तों को पहली तैनाती प्रदान की है। हाल ही में प्रशिक्षण पूरा करने वाले इन अधिकारियों की नियुक्ति पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों एवं कमिश्नरेट क्षेत्रों में की गई है। इसी सूची में बसंत सिंह को महराजगंज का नया पुलिस उपाधीक्षक नियुक्त किया गया है। यह उनका पहला स्वतंत्र प्रशासनिक पद है, जो उन्हें प्रशिक्षण के बाद सीधे एक संवेदनशील सीमा जनपद में जिम्मेदारी देता है।
महराजगंज, जो कि नेपाल सीमा से सटा एक संवेदनशील जिला माना जाता है, वहां बसंत सिंह की पोस्टिंग को प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। नेपाल सीमा से लगा महराजगंज जिलों में सुरक्षा व्यवस्था, सीमाई निगरानी, अवैध गतिविधियों की रोकथाम और त्वरित पुलिसिंग अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसे में बसंत सिंह की पोस्टिंग को विभाग प्रशासनिक रूप से एक मजबूत कदम मान रहा है। जनपद के लोगों ने भी उनकी तैनाती का स्वागत करते हुए बेहतर पुलिसिंग की उम्मीदें जताई हैं।
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इस बीच, महराजगंज पुलिस प्रशासन हाल ही में हुई एक बड़ी कार्रवाई के कारण भी सुर्खियों में है। रविवार रात नगर चौकी प्रभारी मनोज गुप्ता को पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने काली रंग की संदिग्ध स्कॉर्पियो की जांच संबंधी स्पष्ट आदेशों का पालन नहीं किया। बताया गया कि यह वाहन कई दिनों से नगर क्षेत्र में घूम रहा था और उसके संदिग्ध गतिविधियों के चलते एसपी ने जांच के निर्देश दिए थे, जिनका पालन नहीं किया गया।
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एसपी मीणा ने स्पष्ट कहा कि आदेशों की अवहेलना और कर्तव्य में लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस घटना के बाद पूरे जिले में ब्लैक स्कॉर्पियो की वास्तविकता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि वाहन किसका था और उसमें क्या संदिग्ध गतिविधि हो सकती थी। उधर, चौकी प्रभारी के निलंबन के बाद नगर चौकी पर नए प्रभारी की तैनाती को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।