हिंदी
नगर पंचायत घुघुली में करोड़ों रुपये के डस्टबिन क्रय घोटाले की जांच तेज हो गई है। लखनऊ से पहुंची आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) की टीम ने नगर पंचायत कार्यालय में दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। जांच में भारी वित्तीय अनियमितताओं के संकेत मिले हैं।
महराजगंज डस्टबिन घोटाला
Maharajganj: महराजगंज जिले के घुघुली नगर पंचायत में करोड़ों रुपये के डस्टबिन खरीद घोटाले की जांच में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) की टीम ने गुरुवार को बड़े पैमाने पर कार्रवाई की। लखनऊ से पहुंची टीम ने पूरे दिन नगर पंचायत कार्यालय में दस्तावेजों की जांच की और संबंधित कर्मचारियों, पूर्व सभासदों तथा उच्च पदस्थ अधिकारियों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए।
मामला 2018 का, घोटाले की कहानी खुली
सूत्रों के मुताबिक यह घोटाला वर्ष 2018 का है, जब नगर पंचायत द्वारा भारी मात्रा में डस्टबिन खरीदे गए थे। जांच में पता चला कि इस खरीद प्रक्रिया में शासनादेशों की खुली अवहेलना की गई। ई-टेंडर की जगह ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाई गई और निविदा में भाग लेने वाली तीनों फर्में तकनीकी रूप से अयोग्य होने के बावजूद उनकी वित्तीय निविदाएं खोली गईं।
महराजगंज में निपुण भारत मिशन की समीक्षा बैठक: जिलाधिकारी ने कार्यों की प्रगति की समीक्षा
खर्च और वास्तविक कीमत में बड़ा अंतर
विशेष जांच में यह भी सामने आया कि जिस फर्म को ठेका दिया गया, उसने किसी दूसरी कंपनी की एफडीआर जमा की थी। बाजार में एक डस्टबिन की कीमत 3,400 से 3,600 रुपये थी, जबकि नगर पंचायत ने इन्हें 14,160 रुपये प्रति नग की दर से खरीदा। इस अंतर से करोड़ों रुपये के घोटाले का अनुमान लगाया जा रहा है।
EOW की टीम का सख्त रुख
EOW की विवेचक सुधा सिंह के नेतृत्व में दो इंस्पेक्टरों की टीम ने दस्तावेज खंगालने और खरीद प्रक्रिया से जुड़े सबूत जुटाने का काम शुरू किया। इस कार्रवाई से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। टीम अब संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों और फर्मों की भूमिका की गहन तहकीकात कर रही है।
शुरुआती जांच में सबूत मिले
सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में कई गड़बड़ियों के पुख्ता सबूत सामने आए हैं। आने वाले दिनों में कई बड़े नामों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। प्रशासन ने फिलहाल कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन EOW की कार्रवाई से नगर पंचायत में हड़कंप मचा हुआ है।
महराजगंज में गुलाब चंद की जगह नए सीडीओ की तैनाती, कल ही हुई थी नियुक्ति
महराजगंज के घुघुली नगर पंचायत में यह घोटाला स्थानीय प्रशासन और ई-टेंडर प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार की गंभीर तस्वीर पेश करता है। जांच पूरी होने के बाद संभव है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और हेरफेर में शामिल बड़े अधिकारियों और फर्मों पर कानूनी कदम उठाए जाएं।