

मोहर्रंम के त्योहार को शांतिपूर्वक मनाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। पीस कमेटी की बैठकों के माध्यम से गाँव के जन प्रतिनिधियों व समुदाय को शासन से मिले दिशा निर्देशों को भली भाँति बता दिया गया है।
अड्डा चौकी पर पीस कमेटी बैठक
Maharajganj: मोहर्रंम के त्योहार को शांतिपूर्वक मनाने को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। पीस कमेटी की बैठको के माध्यम से गाँव के जन प्रतिनिधियों व समुदाय को शासन से मिले दिशा निर्देशों को भली भाँति बता दिया गया है। किसी भी प्रकार के अनहोनी से निपटने के लिए पुलिस व प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
पुरंदरपुर मे जानिए कितने ताजिये
पुरंदरपुर SO मनोज राय ने बताया कि इस बार पुरंदरपुर में 245 ताजिये का निर्माण हो रहा, साथ ही 15 कर्बला चिन्हित है जहाँ ताजिये को दफन किया जायेगा। त्योहार को शांति पूर्वक व अराजक तत्वों से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। पीस कमेटी की बैठक में बताया परंपरागत रूट रहेगा, ताजिये की उचाई सीमित रखे, झण्डे मे किसी मेटल धातु का प्रयोग न करे। स्पीकर की संख्या दो रहेगी, किसी भी प्रकार का न तो आपत्तिजनक झण्डे का प्रयोग करे, न तो विवादित भाषण दे। किसी भी प्रकार के अराजक कार्य पर सख्त कारवाई की जायेगी।
नौतनवा थाना क्षेत्र में ताजिये
इसी तरह नौतनवा SO पुरुषोत्तम राव ने बताया की थाना क्षेत्र में कुल 226 ताजिये छोटी बड़ी ताजियों का निर्माण इस बार हो रहा हैं। कर्बला के लिए 21 जगह चिन्हित है। थाना क्षेत्र मे कुल 40 लोगों को पाबन्द किया गया है। पीस कमेटी बैठक में सभी को दिशा निर्देश का पालन करने को कहा गया है।
जुलूस को शांतिपूर्वक निकालने व सकुशल संपन्न कराने हेतु पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। आशांति फैलाने वाले अराजक तत्वों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अड्डा चौकी इंचार्ज मनीष तिवारी ने बताया कि सोमवार को चौकी पर पीस कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमे ग्राम प्रधान, सभी समुदाय के लोग, समेत जन प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। शासन से मिले गाइड लाइन को सबको बताया हैं। गाँव मे किसी भी प्रकार के अनहोनी की सूचना तुरन्त पुलिस को देने के लिए बताया गया है। सभी जगहो पर परंपरागत रूट से ही जुलूस निकलेगा।
मुहर्रम का महत्व
इस्लाम में मुहर्रम का बहुत महत्व होता है, इस बार मुहर्रम का महीना 26 जून से शुरू हो गया है। यह इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है, जिसे गम के रूप में मनाया जाता है। इस महीने में मुस्लिम समाज में कोई भी शुभ काम जैसे कि शादी-विवाह का आयोजन नहीं किया जाता है। इस महीने में सिर्फ मातम मनाया जाता है। मुहर्रम में देशभर में ताजिया का जुलूस भी निकाला जाता है, जो कि कर्बला में जाकर खत्म होता है।