

लखनऊ में नगर निगम ने सहारा सिटी को सील कर दिया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब सहारा इंडिया परिवार को दी गई मियाद समाप्त हो गई थी। 130 एकड़ में फैली इस संपत्ति पर सहारा ने एक आलीशान कोठी बना ली थी, जबकि यह भूमि मूल रूप से आवासीय कॉलोनी और ग्रीन बेल्ट के लिए आवंटित थी।
सहारा सिटी हुई सील
Lucknow: लखनऊ की 130 एकड़ में फैली सहारा सिटी को सोमवार को नगर निगम ने सील कर दिया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब सहारा इंडिया परिवार को दी गई मियाद समाप्त हो गई थी। सहारा सिटी की संपत्ति का मूल उद्देश्य आवासीय कॉलोनी और ग्रीन बेल्ट का विकास था, लेकिन सहारा इंडिया ने इस पर आलीशान कोठी बना दी थी।
सीलिंग के दौरान नगर निगम के अधिकारियों के साथ भारी पुलिस बल और पीएसी तैनात थी। सहारा के कर्मचारियों ने इस कार्रवाई का विरोध किया और कहा कि पहले वहां रह रहे परिवारों को बाहर निकाला जाए। उनका आरोप था कि नगर निगम बिना उन परिवारों को हटाए सीलिंग की कार्रवाई कर रहा है।
सहारा सिटी में यह विवाद 1997 से चल रहा था, जब लीड डीड रद्द होने के बाद से यह मामला कोर्ट में था। 1 अक्टूबर को भी सीलिंग की कोशिश की गई थी, लेकिन सहारा के प्रतिनिधियों ने तीन दिन का समय मांगा था, जो सोमवार को खत्म हुआ।
सहारा सिटी, जो सुब्रतो राय की हवेली के रूप में मशहूर है, जिसमें कई कर्मचारी और परिवार अभी भी रह रहे हैं। इन कर्मचारियों ने नगर निगम की टीम से यह आग्रह किया कि पहले इन परिवारों को बाहर निकाला जाए, उसके बाद ही कार्रवाई की जाए।
जानकारी के अनुसार, सहारा समूह ने 1994 में नगर निगम से लीज पर जमीन लिया था। लीज की अवधि 2024 में समाप्त हो चुकी है और इसके बाद नगर निगम ने पूरी 75 एकड़ भूमि पर अपना कब्जा वापस ले लिया है। सहारा सिटी के अंदर की सभी गतिविधियां अब बंद कर दी गई हैं और वहां किसी भी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं है। नगर निगम ने सहारा सिटी के मुख्य द्वार पर चार बड़े ताले जड़ दिए हैं, जिससे यह परिसर पूरी तरह से सील हो गया है।
इस कार्रवाई के बारे में लखनऊ नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि यह भूमि पहले लीज पर दी गई थी, लेकिन लीज की अवधि पूरी होने के बाद यह संपत्ति नगर निगम की हो गई है। इस भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण करना दंडनीय अपराध है। गौरव कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि सहारा सिटी को सील करने की प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है और किसी को भी परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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बता दें कि सहारा सिटी में पहले भी कई उच्च अधिकारी रहते थे, जो अब यहां से जा चुके हैं। अब वहां केवल कुछ कर्मचारी और अधिकारी रह गए थे, जिन्हें नगर निगम द्वारा दी गई समय सीमा के अनुसार अपना सामान बाहर निकालने की अनुमति दी गई। नगर निगम अब इस भूमि पर किसी अन्य गतिविधि को शुरू करने के लिए आगे की योजना बना रहा है, और इससे स्थानीय विकास की दिशा में एक नया कदम उठाया जाएगा।