

सुल्तानपुर में श्रमिकों ने कई महीने पहले योजनाओं के लिए आवेदन किया, लेकिन सत्यापन प्रक्रिया अब तक अधूरी है। विभागीय लापरवाही, स्टाफ की कमी और तकनीकी खामियां समस्या का कारण बन रही हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर
श्रम विभाग की लापरवाही
Sultanpur: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रमिकों के लिए दर्जनों कल्याणकारी योजनाएं चला रहे हैं। वहीं सुल्तानपुर जनपद में श्रम विभाग की घोर लापरवाही इन योजनाओं को पलीता लगा रही है। बता दें कि सैकड़ों श्रमिकों ने कई महीने पहले योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन आज तक सत्यापन की प्रक्रिया अधूरी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार श्रमिकों का आरोप है कि विभागीय कर्मचारियों से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती और हर बार बहानेबाज़ी से काम टाल दिया जाता है।
स्टाफ की भारी कमी, विभाग की कार्यशैली ठप
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में इंस्पेक्टर अनुराग त्रिपाठी और प्रकाश चंद्र का तबादला कर दिया गया, जिससे अब केवल एक महिला इंस्पेक्टर कार्यरत हैं। स्टाफ की भारी कमी के कारण विभाग की कार्यप्रणाली लगभग ठप हो गई है।
तकनीकी खामियों ने बढ़ाई परेशानी
श्रमिकों के पंजीकरण के लिए जरूरी पोर्टल में लगातार तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायतें आ रही हैं। बताते चलें कि जन सेवा केंद्रों से किए जा रहे आवेदन भी लंबित पड़े हैं। हालांकि महीनों से श्रमिकों के योजना आवेदन अटके हैं और सत्यापन प्रक्रिया पूरी तरह ठप है। इसके अलावा विभाग में भारी स्टाफ की कमी, वेबसाइट में तकनीकी खामी और बाबू का तबादला फिर भी कार्य जारी जैसी समस्याएं देखने को मिल रही है।
बिना पदस्थापन के बाबू कर रहे कार्य?
सूत्रों का यह भी दावा है कि बाबू यादव, जिनका तबादला गैर-जनपद हो चुका है। फिर भी किसी अन्य माध्यम से अब भी सुल्तानपुर के विभागीय कार्यों में सक्रिय हैं। बता दें कि यदि इनकी कॉल डिटेल और लोकेशन की जांच की जाए, तो बड़ा खुलासा हो सकता है।
विभागीय अधिकारी दिखा रहे अनदेखी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब मीडिया ने इस गंभीर स्थिति पर सवाल किया, तो विभागीय अधिकारी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए। उनका कहना है कि नए इंस्पेक्टरों की तैनाती तक कोई समाधान नहीं हो सकता।
हिमांशु मालवीय ने जताई नाराज़गी
भाजपा नेता और अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री हिमांशु मालवीय ने इस पूरे मामले को श्रमिकों के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही जिलाधिकारी से मिलकर शिकायत करेंगे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।