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कानपुर देहात में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींझक में डॉक्टरों के फेरबदल को लेकर अब नया मोड़ सामने आया है। विवादों में घिरे चिकित्साधीक्षक डॉ. पीयूष त्रिपाठी के खिलाफ नगर पालिका परिषद झींझक के पार्षद एकजुट हो गए हैं।
नगर के पार्षदों ने डॉ पीयूष त्रिपाठी के खिलाफ सौंपा पत्र
Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींझक में डॉक्टरों के फेरबदल को लेकर अब नया मोड़ सामने आया है। विवादों में घिरे चिकित्साधीक्षक डॉ. पीयूष त्रिपाठी के खिलाफ नगर पालिका परिषद झींझक के पार्षद एकजुट हो गए हैं। पार्षदों ने सामूहिक रूप से लिखित प्रार्थना पत्र जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉक्टर शलभ मोहन को सौंपकर स्पष्ट किया है कि डॉ. पीयूष त्रिपाठी को किसी भी स्थिति में झींझक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात न किया जाए।
आखिर पत्र सौंपते हुए पार्षदों ने क्या रखी मांग
पार्षदों में कन्हैया पोरवाल, प्रदीप शर्मा, अंशू यादव, अजय प्रताप यादव व रोहित गुप्ता का कहना है कि पिछले समय में डॉ. पीयूष त्रिपाठी के कार्यकाल को लेकर कई प्रकार की शिकायतें और विवाद रसूलाबाद सीएचसी से सामने आ चुके हैं, जिससे नगर की स्वास्थ्य सेवाओं की छवि प्रभावित हुई थी। इसी कारण नगर के जनप्रतिनिधियों ने एकमत होकर कड़ा रुख अपनाया है। प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया गया है कि स्वास्थ सेवाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए विवादित डॉक्टरों की तैनाती से बचना जरूरी है।
सीएचसी झींझक में तैनात डॉ दीपक गुप्ता के पक्ष में उतरे पार्षद
इधर, स्वास्थ्य केंद्र में वर्तमान में तैनात डॉ. दीपक गुप्ता को न हटाने की भी मांग जोर पकड़ रही है। पार्षदों ने प्रशासन को साफ संदेश दिया है कि डॉ. दीपक गुप्ता के रहते स्वास्थ्य सेवाएं स्थिर बनी हुई हैं और अचानक तबादला या बदलाव से स्वास्थ्य व्यवस्था फिर प्रभावित हो सकती है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि नगर में बे रोक टोक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध रहें, यह प्राथमिकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को फेरबदल करते समय जमीनी हालात और जनभावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए।
डॉक्टरों के इस विवाद और विरोध के बाद स्वास्थ्य विभाग पर फैसला लेने का दबाव बढ़ गया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन पार्षदों की मांगों पर क्या रुख अपनाता है और झींझक सीएचसी में स्वास्थ्य व्यवस्था को स्थिर रखने के लिए कौन-सा अंतिम निर्णय लिया जाता है।