

सोलर स्मार्ट मीटर की स्थापना एवं कॉन्फिग्रेशन में आ रही तकनीकी और प्रशासनिक समस्याओं के समाधान के लिए संयुक्त बैठक आयोजित की गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
'पीएम सूर्य घर' स्थापना को लेकर संयुक्त बैठक
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में "पीएम सूर्य घर" योजना के अंतर्गत सोलर स्मार्ट मीटर की स्थापना एवं कॉन्फिग्रेशन में आ रही तकनीकी और प्रशासनिक समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक आयोजित की गई। यह बैठक पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के भिखारीपुर स्थित एमडी ऑफिस में संपन्न हुई। बैठक में यूपीनेडा, डिस्कॉम तथा जीएमआर की टीमों ने भाग लिया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, बैठक की अध्यक्षता प्रभारी मुख्य अभियंता अनिल वर्मा ने की। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारी एस डी दूबे, उपकारी नाथ, नोडल अधिकारी राम बाबू सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
बैठक का उद्देश्य "पीएम सूर्य घर वाराणसी" अभियान को सुचारु रूप से क्रियान्वित करना और जीएमआर मीटर की स्थापना एवं उनके सॉफ्टवेयर कॉन्फिग्रेशन में आ रही बाधाओं को दूर करना था।
बैठक में जीएमआर की तकनीकी टीम को सख्त निर्देश दिए गए कि वे विभाग द्वारा जारी की गई एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के अनुसार सभी सोलर स्मार्ट मीटरों की स्थापना एवं कॉन्फिग्रेशन की प्रक्रिया को अधिकतम 5 दिवस के भीतर पूर्ण करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मीटरों की स्थापना के लिए संबंधित अधिकारी समय रहते जीएमआर टीम से समन्वय स्थापित करें।
अधिकारियों ने यह भी निर्देश दिया कि मीटर की स्थापना के बाद त्वरित रूप से क्वालिटी चेक (QC 3) की प्रक्रिया पूरी की जाए और उसकी रिपोर्ट आरएमएस (रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम) पर भेजी जाए, जिससे योजना की मॉनिटरिंग प्रभावी रूप से की जा सके। इसके अतिरिक्त, यूपीनेडा द्वारा तैयार की गई गूगल शीट पर पंजीकृत उपभोक्ताओं की शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
'पीएम सूर्य घर' स्थापना को लेकर संयुक्त बैठक में लिया गया ये फैसला
यह बैठक अभियान की प्रगति को गति देने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। इससे 'पीएम सूर्य घर' योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लाभार्थियों तक समय पर सोलर सिस्टम की सुविधाएं पहुंचाई जा सकेंगी और स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहन मिलेगा। जिसके लिए तकनीकी और प्रशासनिक समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक आयोजित की गई। जिसमें इस अभियान को सुचारु रूप से चलाने और जीएमआर मीटर की स्थापना एवं उनके सॉफ्टवेयर कॉन्फिग्रेशन में आ रही बाधाओं को दूर करना था।