

जालौन के ग्रामीण क्षेत्रों और मजरों में जल्द ही बिजली की रोशनी पहुंचने की संभावना है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
ग्रामीण क्षेत्रों में मिलेगी बिजली
जालौन: यूपी के जालौन जिले के उन ग्रामीण क्षेत्रों और मजरों में अब जल्द ही बिजली की रोशनी पहुंचने की संभावना बढ़ गई है, जो अभी तक विद्युतीकरण से वंचित रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल उरई, नंद लाल ने जनप्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों और स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे उन गांवों और मजरों का लिखित विवरण एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराएं, जहां अभी तक बिजली की सुविधा नहीं पहुंची है। यह विवरण संबंधित अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड- प्रथम/द्वितीय, उरई के कार्यालय में जमा कराया जा सकता है।
जीवन स्तर को बनाएगा बेहतर
इस संबंध में अधीक्षण अभियंता नंद लाल ने बताया कि प्राप्त जानकारी के आधार पर इन क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाएगा। इसके बाद, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आर.डी.एस.एस. (Revamped Distribution Sector Scheme) के तहत इन गांवों में विद्युतीकरण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के हर कोने तक बिजली पहुंचाना और ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
ग्रामीणों ने की गई अपील
वहीं इस पहल के तहत, जालौन के उन राजस्व ग्रामों और मजरों को विशेष रूप से लक्षित किया जा रहा है, जो अब तक बिजली की सुविधा से वंचित हैं। अधीक्षण अभियंता ने ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि उनकी सक्रिय भागीदारी इस प्रक्रिया को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी गांव या मजरा छूट न जाए, स्थानीय स्तर पर सटीक और पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है।
बता दें कि यह कदम सरकार की उस व्यापक नीति का हिस्सा है, जिसके तहत ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने और बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। बिजली की उपलब्धता न केवल ग्रामीणों के दैनिक जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी। खेती, छोटे उद्योगों और स्थानीय व्यापार के लिए बिजली एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा प्रदान कर सकता है।
ग्रामीणों से अनुरोध किया गया है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और अपने क्षेत्रों से संबंधित जानकारी जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं।