Jalaun News: जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष के बाहर पेयजल संकट, मरीज और तीमारदार परेशान

जिला मुख्यालय पर स्थित जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष के बाहर पेयजल का गंभीर संकट गहरा गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 23 May 2025, 3:41 PM IST
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जालौन: भीषण गर्मी के इस दौर में जिला मुख्यालय पर स्थित जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष के बाहर पेयजल का गंभीर संकट गहरा गया है। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है, जब आपातकालीन कक्ष के बाहर लगा फ्रीजर लंबे समय से खराब पड़ा है और उससे पानी की एक बूंद भी उपलब्ध नहीं हो रही। इस कारण मरीजों और उनके परिजनों को न केवल शारीरिक कष्ट सहना पड़ रहा है, बल्कि उनकी परेशानियां भी कई गुना बढ़ गई हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष के बाहर लगे फ्रीजर की खराबी कोई नई समस्या नहीं है। यह फ्रीजर काफी समय से ठीक नहीं किया गया है, जिसके चलते आपातकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को पीने का ठंडा पानी तक नसीब नहीं हो रहा। गर्मी की तपिश में बीमार और घायल मरीजों को पानी की कमी के कारण अतिरिक्त परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में हाथ टूटने के बाद अस्पताल में प्लास्टर कराने आए भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के युवा मंडल उपाध्यक्ष कुलदीप कुलकर्णी के साथ आए तीमारदार ने फ्रीजर से पानी लेने की कोशिश की, लेकिन फ्रीजर से पानी नहीं निकला। यह स्थिति न केवल उनके लिए, बल्कि अन्य मरीजों और तीमारदारों के लिए भी देखी गई।

मरीजों के परिजनों ने जताई नाराजगी

अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजनों ने इस समस्या को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि गर्मी के इस मौसम में ठंडा और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना अस्पताल प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। तीमारदारों ने बताया कि कई बार मरीजों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है और ऐसे में पानी की अनुपलब्धता उनकी तकलीफ को और बढ़ा देती है। तीमारदारों ने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) से मांग की है कि आपातकालीन कक्ष के बाहर लगे फ्रीजर को तत्काल ठीक कराया जाए ताकि मरीजों और उनके परिजनों को शीतल और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके।

इसके अलावा, अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण मरीजों का विश्वास भी डगमगाने लगा है। तीमारदारों का कहना है कि अगर इतनी बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं होगी, तो जिला अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों का भरोसा कैसे बना रहेगा। स्थानीय लोगों ने भी इस मामले में जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि अस्पताल में पेयजल की व्यवस्था को सुधारा जा सके।

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