

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने फेसबुक और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जो अधिकारी सांसद का सम्मान नहीं करता, वह जनता का सम्मान क्या करेगा?”
एडीएम और इकरा हसन
Saharanpur News: सहारनपुर के कैराना से सांसद इकरा हसन के साथ एडीएम (जिला मजिस्ट्रेट) कार्यालय में हुए अभद्र व्यवहार का मामला तूल पकड़ गया है। सांसद के साथ इस तरह के व्यवहार को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के पदाधिकारी और नेताओं ने विरोध जताया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। आरोप है कि एडीएम ने महिला जनप्रतिनिधि के साथ असम्मानजनक तरीके से पेश आए और उन्हें कार्यालय से बाहर जाने के लिए कहा। इस घटना को लेकर सपा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कार्रवाई की अपील की है।
सपा के जिलाध्यक्ष चौधरी अब्दुल वाहिद ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर इस घटना की जांच और एडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लिखा कि "कैराना सांसद और छुटमलपुर नगर पंचायत की अध्यक्ष शमा परवीन के साथ हुई घटना निंदनीय है। इसके लिए संबंधित एडीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।" इसके साथ ही सपा महानगर प्रभारी एवं पार्षद अभिषेक टिंकू अरोड़ा ने भी एक पत्र भेजकर बताया कि इकरा हसन और शमा परवीन एडीएम से मिलने गई थीं, लेकिन उनके साथ जो व्यवहार हुआ वह पूरी तरह से अस्वीकार्य था। सपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य फैसल सलमानी ने इस घटना को विपक्ष की राजनीति के लिए गंभीर बताते हुए उच्च अधिकारियों से मुलाकात करने का निर्णय लिया है।
अखिलेश यादव ने उठाया मुद्दा
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने फेसबुक और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "जो अधिकारी सांसद का सम्मान नहीं करता, वह जनता का सम्मान क्या करेगा?" अखिलेश यादव का यह बयान इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
पूर्व सांसद और विधायक ने क्या कहा?
पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए इस घटना को "बेहद निंदनीय" बताया और कहा, "हम अपनी बेटी, सांसद इकरा हसन के साथ हैं। इस लड़ाई में हम उनके साथ खड़े हैं।" वहीं, पूर्व विधायक माविया अली ने भी इस घटना पर गहरा रोष जताया और कहा कि यह घटना भाजपा सरकार में अधिकारियों की बेलगाम कार्यप्रणाली का परिणाम है। पूर्व सभासद सिकंदर अली ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह केवल एक जनप्रतिनिधि का अपमान नहीं, बल्कि महिलाओं के खिलाफ एक और साजिश का हिस्सा है।
इकरा हसन का बयान
सांसद इकरा हसन ने इस मामले को लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि वह छुटमलपुर नगर पंचायत की अध्यक्ष शमा परवीन की समस्याओं को सुनने के लिए सहारनपुर कलेक्ट्रेट गई थीं। वहां, जब एडीएम कार्यालय में उनकी मुलाकात का समय आया, तो एडीएम ने न केवल उनसे असम्मानजनक व्यवहार किया बल्कि उन्हें कार्यालय से बाहर जाने को भी कहा। सांसद हसन ने यह भी कहा कि "योगी सरकार और मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, लेकिन एडीएम ने खुद महिला विरोधी मानसिकता का परिचय दिया।"
एडीएम का बयान
वहीं, एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जब उन्हें यह जानकारी मिली कि सांसद इकरा हसन कार्यालय में आईं हैं, तो वह तुरंत वहां पहुंचे। उन्होंने बताया, "सांसद ने फोन रिसीव नहीं करने पर नाराजगी जताई थी और छुटमलपुर ईओ को लेकर शिकायत की थी, लेकिन कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई थी। पूरी वार्ता के दौरान उन्हें कार्यालय से बाहर जाने के लिए बिल्कुल नहीं कहा गया।" एडीएम ने कहा कि वह हमेशा जनप्रतिनिधियों का सम्मान करते हैं और आरोप पूरी तरह से गलत हैं।