

गोरखपुर में राप्ती नदी में डूबीं तीन बहनों की कहानी ने सभी को सन्न कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर: जनपद के कैंपियरगंज क्षेत्र में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। मिरिहिरिया गांव की तीन मासूम बहनें—आफरीन (16), साबरीन (14) और नाजिया (12)—राप्ती नदी के गहरे पानी में डूब गईं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार चौथी बहन सकीना (25) को मछुआरों ने किसी तरह बचा लिया, लेकिन बाकी तीनों बहनों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला। इस त्रासदी ने एक गरीब परिवार की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया, जहां मां नाजिमा खातून का रो-रोकर बुरा हाल है।
मंगलवार की वो काली दोपहर
मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे, पांच बहनें—आफरीन, साबरीन, नाजिया, सकीना और नजरिन (13)—एक दो साल के मासूम बच्चे के साथ राप्ती नदी में नहाने गई थीं। नजरिन बच्चे के साथ किनारे पर बैठी थी, जबकि बाकी चार बहनें नदी में नहा रही थीं। अचानक गहरे पानी की लहरों ने चारों को अपनी चपेट में ले लिया। नजरिन की चीख-पुकार सुनकर पास के कोनी गांव के मछुआरे नाव लेकर दौड़े। उन्होंने सकीना को तो बचा लिया, लेकिन आफरीन, साबरीन और नाजिया नदी की गहराइयों में खो गईं
मां का टूटा दिल, गांव में मातम
घटना की खबर फैलते ही मिरिहिरिया गांव में कोहराम मच गया। सैकड़ों ग्रामीण नदी किनारे जमा हो गए। नाजिमा खातून, जिन्होंने आठ साल पहले अपने पति को खोया था, अपनी बेटियों की जिंदगी के लिए तड़प रही हैं। वह बार-बार बेहोश हो रही हैं, उनका करुण क्रंदन सुनकर हर आंख नम है। आफरीन और साबरीन ने इस साल हाई स्कूल की परीक्षा पास की थी और परिवार की उम्मीदों का सहारा थीं। गरीबी से जूझते इस परिवार के लिए ये बेटियां भविष्य की किरण थीं, जो अब अंधेरे में खो गई हैं।
SDRF और गोताखोरों की तलाश जारी
पुल पुलिस और स्थानीय गोताखोरों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। शाम साढ़े छह बजे SDRF की टीम मौके पर पहुंची और रातभर तलाश जारी रखी। सुबह तक तीनों बहनों का कोई पता नहीं चल सका। ग्रामीण और परिवार वाले नदी किनारे आस लगाए बैठे हैं, लेकिन हर गुजरता पल उनकी उम्मीदों को तोड़ रहा है।एक परिवार का अनमोल खजाना छीन लिया नदी ने
यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक गरीब मां की जिंदगी का सबसे बड़ा दुख है। नाजिमा खातून की गोद सूनी हो गई है, और गांव में मातम का सन्नाटा पसरा है।
क्या राप्ती नदी उन मासूमों को लौटाएगी?
यह सवाल हर दिल में गूंज रहा है, लेकिन जवाब अभी तक नहीं मिला। SDRF की टीम और ग्रामीण दिन-रात शव के बरामद हेतु तलाश में जुटे हैं, मगर उम्मीद की किरण धीरे-धीरे मंद पड़ रही है।