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लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भव्य एकता यात्रा निकाली गई। गोलघर से सरदार पटेल चौक तक निकली इस रैली में हज़ारों लोग शामिल हुए। “वंदे मातरम” और “सरदार पटेल अमर रहें” के नारों से शहर गूंज उठा।
मुख्यमंत्री ने किया माल्यार्पण
Gorakhpur: राष्ट्र निर्माता, भारत की अखंडता के शिल्पकार और लौह पुरुष के नाम से विख्यात सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आज गोरखपुर में भव्य “एकता यात्रा” का आयोजन हुआ। शहर के गोलघर मुख्य मार्ग से निकली इस रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं नेतृत्व किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सुबह से ही शहर का माहौल राष्ट्रभक्ति और उत्साह से भर गया। भाजपा कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन, एनसीसी कैडेट, विद्यालयों के छात्र-छात्राएं और आमजन बड़ी संख्या में शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा टाउनहॉल स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ हुई। इसके उपरांत मुख्यमंत्री काली मंदिर पहुंचे और पूजन-अर्चन के बाद मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने अनेक रियासतों को जोड़कर भारत को जो स्वरूप दिया, वह एकता, संकल्प और राष्ट्रनिष्ठा का सर्वोच्च उदाहरण है। आज की यह यात्रा उसी भावना को नए सिरे से जन-मन तक पहुंचाने का प्रयास है।
रैली में “वंदे मातरम” और “सरदार पटेल अमर रहें” के गगनभेदी नारे लगातार गूंजते रहे। गोलघर से लेकर सरदार पटेल चौक तक पूरा मार्ग केसरिया झंडों, पोस्टरों और स्वागत द्वारों से सजा हुआ था। स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राएं कतारबद्ध खड़े होकर यात्रियों का स्वागत करते दिखाई दिए। जगह-जगह राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” का सामूहिक गायन किया गया, जिससे वातावरण में अद्भुत देशभक्ति की ऊर्जा उत्पन्न हुई। सरकारी कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर भी एकता और राष्ट्रीय गौरव के संदेश के साथ सामूहिक वंदे मातरम का गायन हुआ।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पैदल पदयात्रा करते हुए सरदार पटेल चौक पहुंचे, जहां उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। सरदार पटेल के जीवन से हमें राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखने की प्रेरणा मिलती है। यह एकता यात्रा न केवल समारोह थी, बल्कि यह संदेश भी कि देश की विविधता ही उसकी शक्ति है और उसके केंद्र में एकता ही सबसे बड़ा आधार है। आज गोरखपुर ने सरदार पटेल के विचारों को फिर जीवंत किया और राष्ट्रप्रेम की लौ और भी प्रखर कर दी।