

गोरखपुर में जिलाधिकारी दीपक मीणा ने 25 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में डीएम ने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कार्यों में कोई भी लापरवाही नहीं चलेगी।
डीएम ने ली बैठक
Gorakhpur: जिलाधिकारी दीपक मीणा ने शनिवार को 25 लाख रुपये से अधिक लागत वाले निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि समयबद्धता और गुणवत्ता दोनों ही सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, इसमें किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बैठक के दौरान डीएम ने नगर निगम और संबंधित विभागों को आड़े हाथों लेते हुए डिवाइडर में लगाए गए पौधों की बदहाल स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शहर की सुंदरता और हरियाली को बढ़ाने के लिए लगाए गए पौधों की उचित देखभाल न होना गंभीर लापरवाही है। डीएम ने दो टूक कहा, “घास-फूस की सफाई, पौधों की सिंचाई और रख-रखाव नियमित रूप से किया जाना चाहिए। अगर स्थिति में सुधार नहीं दिखा तो जिम्मेदारी तय होगी।”
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जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी परियोजना में गुणवत्ता की शिकायत आती है तो उसकी सीधी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि “गोरखपुर मुख्यमंत्री सिटी है, यहां विकास कार्यों में उच्च स्तर की पारदर्शिता और ईमानदारी अनिवार्य है। जनता की सुविधाओं से जुड़े कामों में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
डीएम ने अधिकारियों को हिदायत दी कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहते हुए नियमित निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर समन्वय की कमी या ढिलाई किसी भी कीमत पर शहर के विकास में बाधक नहीं बननी चाहिए। जनपद को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए हर अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी, परियोजना निदेशक दीपक कुमार सिंह सहित लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, वन विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। अंत में डीएम ने दोहराया कि गोरखपुर को स्वच्छ, सुंदर और सुविधाजनक शहर बनाना सभी अधिकारियों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर सभी मिलकर कार्य करें तो गोरखपुर विकास का आदर्श मॉडल बन सकता है।