

दीपावली त्योहार के मद्देनजर गोरखपुर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने रविवार को गोरखपुर शहर में विशेष जांच अभियान चलाया। टीम ने विभिन्न इलाकों में मिठाइयों, खोया, बूंदी और पनीर के नमूनों की जांच की।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग का बड़ा एक्शन
Gorakhpur: दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही मिठाई बाजार में रौनक के साथ मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने रविवार को गोरखपुर शहर में विशेष जांच अभियान चलाया। टीम ने विभिन्न इलाकों में मिठाइयों, खोया, बूंदी और पनीर के नमूनों की जांच कर सख्त कार्रवाई की।
जांच टीम ने सर्राफ़ बाजार से खोया और बूंदी, जबकि बगहा गाड़ा क्षेत्र से पनीर के नमूने लेकर परीक्षण हेतु भेजे। तीन नमूनों को विधिवत संकलित कर जांच प्रयोगशाला में भेजा गया है। निरीक्षण के दौरान 10 दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन पर नोटिस जारी किए गए।
वहीं, झुंगिया बाजार स्थित एक मिठाई की दुकान पर विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे तत्काल सील कर दिया। जांच में दुकान बिना एफएसएसएआई (FSSAI) पंजीकरण के संचालित पाई गई थी। दुकान में रखा करीब 40 किलो खोया रंग, गंध और बनावट के आधार पर असुरक्षित पाया गया, जिसे मौके पर ही विभागीय टीम की मौजूदगी में नष्ट करा दिया गया।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि त्योहारों के दौरान मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है। शहर के प्रमुख बाजारों जैसे गोलघर, शास्त्री चौक, असुरन, झुंगिया और विजय चौक में नियमित रूप से जांच अभियान चलाए जाएंगे।
इसी क्रम में शास्त्री चौक क्षेत्र में पनीर बेचने वाले विक्रेताओं के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से पहचान पत्र (I-Card) जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है, ताकि उपभोक्ताओं को प्रमाणित और सुरक्षित उत्पाद ही मिल सकें।
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विभागीय अधिकारियों का कहना है कि दीपावली से पहले यह अभियान और तेज किया जाएगा, ताकि बाजार में बिकने वाली हर मिठाई की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। अधिकारियों ने उपभोक्ताओं से भी अपील की कि वे बिना लाइसेंस वाले विक्रेताओं से मिठाई या दूध उत्पाद न खरीदें और किसी भी संदिग्ध सामग्री की सूचना तुरंत विभाग को दें।
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हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे अभियान त्योहारों तक तो जोर-शोर से चलते हैं, लेकिन बाद में यह महज औपचारिकता बनकर रह जाते हैं। लोगों ने मांग की है कि खाद्य सुरक्षा विभाग इस तरह की कार्रवाई को निरंतर बनाए रखे, ताकि सालभर मिलावटखोरी पर लगाम लग सके।