गोरखपुर डबल मर्डर केस: जांच में नया एंगल, क्या ‘घर का रास्ता’ ही बना दोहरी हत्या की वजह?

बहुचर्चित डबल मर्डर केस में पुलिस को ऐसा एग्रीमेंट मिला है जिसने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है। मां शांति देवी और बेटी विमला की हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद और रिश्तों की जटिलता का जाल सामने आ रहा है। कई संदिग्धों की कॉल डिटेल्स, लोकेशन और पुराने लेन-देन की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।

Gorakhpur: गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के घोषीपुरवा में मां शांति देवी (75) और बेटी विमला जायसवाल (55) की हत्या सिर्फ एक क्राइम नहीं, बल्कि रिश्तों, लालच और भरोसे के टूटने का एक उलझा हुआ जाल बनकर सामने आ रही है। हथौड़ी से वार कर की गई इस हत्या का रहस्य बरकार है, उससे कहीं अधिक पेचीदा इसके पीछे के कारण प्रतीत हो रहे हैं। अब पुलिस की जांच का रुख धीरे-धीरे उस ‘मकान’ और उससे जुड़े लोगों की तरफ झुकता दिख रहा है, जिसने शायद इस वारदात की नींव रखी।

रहस्य से भरा एग्रीमेंट

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह एग्रीमेंट सामान्य दस्तावेज नहीं, बल्कि हत्या की पहेली को समझने की ‘चाबी’ माना जा रहा है। इसमें लिखा है कि शांति देवी के जीवित रहने तक मकान खाली नहीं कराया जाएगा और उनके निधन के बाद विमला को लखनऊ भेज दिया जाएगा। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर ऐसा एग्रीमेंट कराने की जरूरत किसे थी? और क्या मां-बेटी को इसकी असल मंशा का अंदाजा था?

दरअसल, जनवरी, 2017, 2019 और फिर 2020 में सुशीला के बदलते बयान पुलिस को इस साजिश की दिशा में ले जा रहे हैं। प्रॉपर्टी डीलर अजय मिश्रा और सुशीला के आमने-सामने बैठने पर कई विसंगतियां पकड़ी गईं। यही नहीं, एग्रीमेंट कराने में सौतेली बहन डॉली और उसके पति रूपेश की भूमिका ने शक का घेरा और गहरा कर दिया।

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साफ-सफाई बन गई नई पहेली

वहीं हत्या के तीन दिन बाद सुशीला का अकेले घर पहुंचकर खून साफ कराना और पूजा-पाठ कराना भी पुलिस को अजीब लगा। घटना स्थल को छेड़ना क्यों जरूरी था? क्या वह किसी सुराग को मिटाने की कोशिश थी या सिर्फ भावनात्मक कदम। जांच में यह एंगल अब गंभीरता से परखा जा रहा है।

तस्वीर को और उलझाते सुराग

जानकारी के अनुसार, गली में सिर्फ आठ मकान हैं। पुलिस ने हर घर से पूछताछ की और पता चला कि सुशीला पिछले दो दिनों से मोहल्ले के ही एक परिवार में रह रही थी। क्या यह सिर्फ सहारा था या उसकी अंदरूनी जान-पहचान इस केस का जरूरी हिस्सा बन सकती है?

ट्रैवल्स कंपनी का चालक, प्रॉपर्टी डीलर के जरिए रखा गया किराएदार, ई-रिक्शा चालक, चाउमीन बेचने वाला, पुलिस अब सात लोगों की कॉल डिटेल्स, लोकेशन और पुराने लेन-देन की जांच कर रही है। यह जांच कहीं न कहीं संकेत दे रही है कि इस हत्या में अकेला कोई एक व्यक्ति नहीं, बल्कि संबंधों और स्वार्थ का एक गठजोड़ शामिल हो सकता है।

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हत्यारे तक पहुंचने का दावा

डॉली और दामाद रूपेश वारदात के बाद से लापता हैं। पुलिस टीमें बिहार तक दबिश दे रही हैं। वहीं सुशीला को शहर छोड़ने की अनुमति न देकर पुलिस ने जांच को पूरी तरह उससे जोड़े रखा है। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और तकनीकी साक्ष्य इस समय जांच का मजबूत आधार बने हुए हैं। यह मामला केवल दो हत्याओं का नहीं, बल्कि धोखे, लालच और संबंधों की फिसलन में फंसी एक पूरी कहानी का खुलासा करता दिख रहा है। पुलिस का दावा है कि हत्यारे तक पहुंचने की कड़ी अब बेहद नजदीक है और संभव है कि इसका सच इस छोटे से मोहल्ले से कहीं बड़ा निकले।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 28 November 2025, 12:03 PM IST