Gorakhpur: साइबर ठगों ने सहजनवां सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक को आतंकवादी गतिविधियों में फंसाने की दी धमकी

साइबर ठगों लोगों को नए-नए तरीकों से अपने जाल में फंसा रहे हैं। साइबर ठगों ने गोरखपुर के सहजनवां सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक को निशाना बनाने के लिए आतंकवादी गतिविधियों में फंसाने की दी धमकी।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 29 August 2025, 11:19 PM IST
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Gorakhpur: जनपद के सहजनवां क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सहजनवां के चिकित्सा अधीक्षक डॉ० ब्यास कुशवाहा को अपने जाल में फंसाने का प्रयास किया।

ठगों ने खुद को एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) अधिकारी, पुणे बताते हुए उन्हें फोन और व्हाट्सएप के जरिए धमकाया। आरोप है कि ठगों ने डॉक्टर को आतंकवादी गतिविधियों में फंसाने की धमकी दी और ब्लैकमेल कर उनसे व्यक्तिगत दस्तावेज और बैंक संबंधी जानकारी निकालने की कोशिश की।

डॉ० कुशवाहा ने बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर अज्ञात कॉलर ने सबसे पहले सामान्य बातचीत की और धीरे-धीरे खुद को एटीएस का अधिकारी बताकर विश्वास में लेने की कोशिश की।

इसके बाद व्हाट्सएप के माध्यम से एक कथित आधिकारिक पत्र भेजा गया और पहचान से संबंधित दस्तावेज की मांग की गई। दबाव में आकर उन्होंने अपना पैन कार्ड की प्रति ठग को भेज दी। लेकिन जब ठग ने बैंक खाता नंबर और अन्य वित्तीय जानकारी मांगी तो उन्हें शक हुआ। तभी उन्होंने तत्काल कॉल काट दिया और मोबाइल बंद कर दिया।

इस पूरी घटना की जानकारी डॉ० कुशवाहा ने थाना सहजनवां पुलिस को लिखित रूप से दी है। उन्होंने पत्र के साथ फोन कॉल, व्हाट्सएप चैट और भेजे गए पत्र की कॉपी को साक्ष्य के रूप में संलग्न कर पुलिस को सौंपा है। डॉक्टर ने पुलिस प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई अन्य व्यक्ति इस तरह की ठगी का शिकार न बने।

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यह मामला सामने आने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। लोग हैरान हैं कि ठग अब सरकारी अधिकारियों और चिकित्सकों तक को नहीं बख्श रहे। साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को डराकर, धमकाकर और झांसा देकर ठगने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सेल को भी अलर्ट किया गया है। ठगों की लोकेशन और मोबाइल नंबर का तकनीकी विश्लेषण कराया जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी अनजान कॉल या मैसेज के दबाव में आकर कभी भी अपनी व्यक्तिगत और बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें। अगर इस तरह की कोई घटना घटे तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर सूचना दें

 

 

 

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