

गोरखपुर के खजनी तहसील अंतर्गत सिकरीगंज, लालपुर, बारी गांव बनकटा मार्ग और बनकटा-रकौली मार्ग की हालत पिछले पांच वर्षों से अत्यंत दयनीय है। सड़क पर जलजमाव और मरम्मत के अभाव ने इसे गड्ढों में तब्दील कर दिया है, जिससे राहगीरों, विशेषकर स्कूली बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पढिए पूरी खबर
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के खजनी तहसील अंतर्गत सिकरीगंज, लालपुर, बारी गांव बनकटा मार्ग और बनकटा-रकौली मार्ग की हालत पिछले पांच वर्षों से अत्यंत दयनीय है। सड़क पर जलजमाव और मरम्मत के अभाव ने इसे गड्ढों में तब्दील कर दिया है, जिससे राहगीरों, विशेषकर स्कूली बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे खराब स्थिति उफरौली क्षेत्र की है, जहां 50 मीटर की सड़क 4 से 5 फीट गहरे गड्ढों में बदल चुकी है। इससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है, और ग्रामीणों का घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया है। स्कूली बच्चे वैकल्पिक रास्तों से स्कूल जाने को मजबूर हैं, जिसके कारण कई बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। खजनी के बॉर्डर पर होने के कारण इस सड़क की मरम्मत को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे यह कुएं का रूप ले चुकी है।
उपेक्षा के खिलाफ आक्रोश
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बलवंत सिंह, संजय सिंह, रवि, उमेश, अखिलेश, उपेंद्र सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और खंड विकास अधिकारी को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सड़क की बदहाली ऐसी है कि वाहनों का आवागमन तो दूर, पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। ग्रामीणों में इस उपेक्षा के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद में इस तरह की स्थिति "चिराग तले अंधेरा" जैसी है। ग्रामीण सड़क की तत्काल मरम्मत की मांग कर रहे हैं, ताकि आवागमन सुगम हो और बच्चों को स्कूल जाने में सुरक्षित रास्ता मिले।
बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव
जानकारी के मुताबिक, इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की सभी सड़कों की मरम्मत का कार्य जल्द शुरू होगा। हालांकि, वर्तमान में बजट की कमी के कारण देरी हो रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे ही धन उपलब्ध होगा, मरम्मत कार्य शुरू कर ग्रामीणों को राहत दी जाएगी। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है, ताकि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को रोका जा सके।