

गोरखपुर के सोनबरसा ओवरब्रिज पर चलती एंबुलेंस में अचानक आग लग गई। एंबुलेंस वाराणसी से बिहार जा रही थी। ड्राइवर की सूझबूझ से मरीज और परिजनों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। पूरी एंबुलेंस जलकर खाक हो गई, कोई जनहानि नहीं हुई।
चलती एम्बुलेंस में लगी भीषण आग
Gorakhpur: गोरखपुर जनपद में रविवार की तीसरे पहर एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब वाराणसी से बिहार जा रही एम्बुलेंस में अचानक आग लग गई। यह हादसा एम्स थाना क्षेत्र अंतर्गत सोनबरसा ओवरब्रिज पर हुआ। चंद ही पलों में एम्बुलेंस धू-धू कर जल उठी और पूरी तरह खाक हो गई। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एम्बुलेंस जैसे ही सोनबरसा ओवरब्रिज पर पहुंची, इंजन से धुआं निकलने लगा। चालक ने तत्परता दिखाते हुए एम्बुलेंस को सड़क के किनारे रोका और दरवाजे खोलकर मरीज और परिजनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इसके तुरंत बाद एम्बुलेंस में आग फैल गई और पूरी तरह जल गई।
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घटना के तुरंत बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। राहगीरों और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। सोनबरसा ओवरब्रिज पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।
एम्स थाना प्रभारी संजय मिश्रा और सोनबरसा चौकी इंचार्ज शैलेन्द्र प्रताप सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने भीड़ को नियंत्रित किया और ट्रैफिक को सुचारू कराया। दमकल विभाग को भी सूचना दी गई, लेकिन जब तक दमकल पहुंची, तब तक एम्बुलेंस पूरी तरह जल चुकी थी।
थानाध्यक्ष संजय मिश्रा ने बताया कि कोई जनहानि नहीं हुई है और सभी यात्री सुरक्षित हैं। प्रारंभिक जांच में आशंका है कि आग शॉर्ट सर्किट या इंजन की तकनीकी खराबी के कारण लगी।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या एम्बुलेंस जैसी जीवनरक्षक सेवाओं में पर्याप्त सुरक्षा मानक अपनाए जा रहे हैं? यदि ड्राइवर ने वक्त पर निर्णय न लिया होता, तो यह हादसा एक भीषण त्रासदी में बदल सकता था।
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जलती हुई एम्बुलेंस का दृश्य देख लोग दहशत में आ गए, लेकिन सभी यात्रियों के सुरक्षित होने की खबर ने राहत दी। इस घटना ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों, इसके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
हालांकि इस बार बड़ी दुर्घटना टल गई, लेकिन यह घटना एक चेतावनी है कि एम्बुलेंस और अन्य सार्वजनिक वाहनों में तकनीकी जांच और सुरक्षा उपायों की अनदेखी नहीं की जा सकती। जरूरत है सख्त निरीक्षण और समय-समय पर मेंटेनेंस की।