

लोनी विधायक नन्द किशोर गुर्जर ने एक बड़ा मुद्दा उठाया है। इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। जिसमें राज्य में धार्मिक पहचान छिपाकर अपराध करने और खाद्य-पेय पदार्थों को दूषित करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर गंभीर चिंता जताई है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Ghaziabad News: लोनी विधायक नन्द किशोर गुर्जर ने पत्र में लिखा है कि बीते दिनों गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा फर्जी हिंदू नामों का इस्तेमाल कर धार्मिक भावनाएं आहत करने और जूस में थूक-मूत्र मिलाने जैसी अमानवीय घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने दावा किया कि यह सब सुनियोजित साजिश के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना और प्रदेश में दंगों की स्थिति पैदा करना है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, नंद किशोर गुर्जर ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि यदि ऐसी घटनाएं सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान होतीं तो पूरे प्रदेश में दंगे भड़क सकते थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई एकल घटना नहीं है। बल्कि मुजफ्फरनगर, लोनी और नंदग्राम जैसे क्षेत्रों से भी थूकना, पेशाब या नाले का पानी खाद्य-पदार्थों में मिलाने जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा
विधायक ने आरोप लगाया कि इन घटनाओं के पीछे कुछ राजनीतिक दलों का संरक्षण है। सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर जातीय और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिशें हो रही हैं, जो राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
विधायक की मांगें
विधायक गुर्जर ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि इन गंभीर घटनाओं को रोकने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाकर विशेष कानून निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाए, जिससे इस तरह के कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में आएं। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी कार्रवाई का प्रावधान किया जाए। धार्मिक पहचान छिपाकर विश्वासघात करने वाले और खाद्य-पेय पदार्थों को जानबूझकर दूषित करने वाले अपराधियों पर कठोर सजा सुनिश्चित की जाए।
वेस्ट यूपी में बढ़ा आक्रोश
हाल ही में गाजियाबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें आरोप लगाया गया कि हिंदू व्रतधारियों को जूस में थूक मिलाकर पिलाया गया। हालांकि इन मामलों की जांच अभी जारी है और पुलिस ने अब तक कुछ संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है। इस पूरे प्रकरण के बाद हिंदू संगठनों और स्थानीय नेताओं में रोष देखा गया है। नंद किशोर गुर्जर जैसे नेताओं का कहना है कि अगर समय रहते इस पर सख्त कानून नहीं बनाए गए तो सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है।