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मानिकपुर के मादक पदार्थ तस्कर राजेश मिश्रा का साम्राज्य ढह गया है। पुलिस ने उसकी 3.6 करोड़ की अवैध संपत्ति कुर्क कर दी है। एसपी दीपक भूकर ने कहा कि तस्करी नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए विशेष नारकोटिक्स टीम बनाई गई है।
प्रतापगढ़ में गांजा माफिया राजेश मिश्रा
Pratapgarh: मानिकपुर थाना क्षेत्र के मुंडीपुर निवासी राजेश मिश्रा कभी स्थानीय स्तर पर फुटकर में मादक पदार्थ बेचता था। धीरे-धीरे उसने अपना नेटवर्क इतना बड़ा कर लिया कि प्रदेश के 10 से अधिक जिलों में उसका ‘नशे का जाल’ फैल गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, राजेश की गैरमौजूदगी में उसका परिवार इस धंधे को संचालित करता था। पुलिस को कई बार शिकायतें मिलने के बावजूद, वह हर बार बच निकलता रहा। इसका कारण उसके राजनीतिक और प्रशासनिक संपर्क बताए जाते हैं।
राजेश मिश्रा ने बिना किसी वैध कारोबार या नौकरी के करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली। लखनऊ, रायबरेली और प्रयागराज जैसे बड़े शहरों में उसने फ्लैट और मकान खरीदे। मानिकपुर में ही उसके तीन आलीशान घर और लाखों की जमीन है। दो लग्जरी गाड़ियाँ भी उसके पास मिली हैं। स्थानीय सूत्र बताते हैं कि जब भी पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंचती, तुरंत प्रभावशाली लोगों के फोन आने लगते। यहां तक कि बाहर के जिलों में तैनात पुलिसकर्मी भी उसकी पैरवी करने लगते।
राजेश मिश्रा के नेटवर्क में केवल स्थानीय अपराधी ही नहीं, बल्कि कुछ पुलिसकर्मी और राजनीतिक संपर्क भी होने के आरोप सामने आए हैं। सूत्रों का कहना है कि इसी गठजोड़ के चलते राजेश वर्षों तक कानून की पकड़ से बाहर रहा। पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने कहा कि, “फिलहाल किसी पुलिसकर्मी की संलिप्तता के ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन जांच जारी है। अगर किसी की भूमिका सामने आती है तो कड़ी कार्रवाई होगी।”
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "भाजपा नेताओं के घर में गांजा मिल रहा है, लगता है कि पूरी भाजपा गांजा का काम कर रही है।"@dimpleyadav @samajwadiparty #BJP pic.twitter.com/DMtprsXQbD
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 10, 2025
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि राजेश मिश्रा और उसकी पत्नी रीना मिश्रा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई जारी है। पुलिस ने एक विशेष नारकोटिक्स टीम गठित की है जो पूरे नेटवर्क की तहकीकात कर रही है। उन्होंने कहा कि राजेश मिश्रा की गैरमौजूदगी में कौन लोग मादक पदार्थों का कारोबार चला रहे थे, इसकी जांच की जा रही है। मानिकपुर टू केस में कई खुलासे होंगे।
मानिकपुर में हुई इस कार्रवाई के बाद पुलिस टीम को उच्चाधिकारियों ने पुरस्कृत किया है। प्रयागराज के अपर पुलिस महानिदेशक संजीव कुमार ने तस्करी का भंडाफोड़ करने वाली टीम को एक लाख रुपये का इनाम दिया है। वहीं एसपी दीपक भूकर ने 25 हजार रुपये का इनाम देकर टीम की सराहना की। एएसपी बृजनंदन राय ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई अन्य अपराधियों के लिए चेतावनी है कि अब कोई भी मादक पदार्थ तस्करी के धंधे से बच नहीं सकेगा।
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कुंडा सीओ अमरनाथ गुप्ता के अनुसार, राजेश मिश्रा और उसकी पत्नी रीना मिश्रा की कुल 3.6 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया गया है। इसमें तीन मकान, जमीन और दो लग्जरी वाहन शामिल हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जब राजेश मिश्रा पर कार्रवाई तेज हुई, तब वह फरार हो गया था। बाद में उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उसके जेल जाने के बाद उसकी पत्नी रीना ने पूरे तस्करी नेटवर्क की कमान संभाल ली। जेल के अंदर से भी राजेश मिश्रा अपना नेटवर्क संचालित करता रहा। पुलिस अब उसकी शेष संपत्तियों की पहचान कर उन्हें कुर्क करने की तैयारी कर रही है।
राजेश मिश्रा का नशे का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के 10 से अधिक जिलों और मध्य प्रदेश के रीवा तक फैला हुआ था। वह स्थानीय एजेंटों के माध्यम से मादक पदार्थों की थोक आपूर्ति करता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसका नेटवर्क न केवल गांजा बल्कि स्मैक और अन्य सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी में भी शामिल था।
राजेश मिश्रा की गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्की के बाद गांव में राहत का माहौल है। लोगों का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई से अब गांव में नशे का व्यापार रुक जाएगा। वहीं, पुलिस ने चेतावनी दी है कि जो भी व्यक्ति भविष्य में इस तरह के अवैध धंधे में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।