

गोरखपुर का एक गांव इस वक्त जुए के दलदल में फंस गया है, जिसका शिकार सबसे ज्यादा युवा हुए हैं। पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
जुआ खेलते हुए लोग
गोरखपुर: जनपद के खजनी क्षेत्र की ग्राम सभा रामपुर पांडेय में इन दिनों एक सनसनीखेज मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। गांव, जो कभी अपनी शांति और सौहार्द के लिए जाना जाता था, अब वह जुए के अड्डे में तब्दील हो चुका है। हैरानी की बात यह है कि इस गोरखनाथ के खेल में गांव का मुखिया, यानी ग्राम प्रधान सुभाष चौहान खुद शामिल होने का आरोप झेल रहा है।
डाइनामाइट न्यूज रिपोट अनुसार ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान गांव में जुए की फड़ को संरक्षण दे रहा है, जिसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा। वायरल वीडियो में प्रधान सुभाष चौहान खुद जुआ खेल रहा है और गांव के युवाओं को इसमें लिप्त कर उनकी जिंदगी बर्बाद करने का जिम्मेदार भी बन रहा है।
जुआ बना गांव का अभिशाप
पिछले कई वर्षों से रामपुर पांडेय में जुआ खेलने की शिकायतें सामने आ रही थीं, लेकिन मामला तब चरम पर पहुंच गया जब ग्राम प्रधान सुभाष चौहान पर खुद जुए में शामिल होने का आरोप लगा। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में खुलेआम जुए की फड़ सजती है, जिसमें युवाओं को लालच देकर बुलाया जाता है। इस कुप्रथा का असर न केवल युवाओं की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है, बल्कि गांव का सामाजिक ताना-बाना भी छिन्न-भिन्न हो रहा है। परिवारों में झगड़े, कर्ज का बोझ और युवाओं का भटकाव अब आम बात हो गई है।
पुलिस से विवाद, फोर्स बुलाने की नौबत
हाल ही में गांव में हुए एक विवाद ने मामले को और गंभीर बना दिया। बताया जाता है एक मारपीट में 112 नम्बर पर डायल के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और सुभाष चौहान नोक झोंक कर उलझ गया। स्थानीय पुलिस के साथ उनकी तीखी नोकझोंक की खबर ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी। मौहाल बिगड़ा तो खजनी पुलिस को अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ी, तब जाकर प्रधान को नियंत्रित किया। यह घटना अब इलाके में चर्चा का विषय बन चुकी है
खजनी पुलिस का बयान
उक्त घटना व वायरल वीडियो को लेकर खजनी थाना इंचार्ज एसएसआई बलराम पांडेय ने बताया कि ग्राम प्रधान रामपुर पांडेय का पुलिस से झगड़ा हो गया था, जिसको पकड़ा गया और उसपर 151 की कार्यवाई की गई। वहीं पुलिस वायरल वीडियो की जांच करेगी और सख्त कार्यवाई की करेगी।
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को वायरल वीडियो की जांच शिकायत के आधार पर करनी चाहिए, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही है। ग्राम प्रधान सुभाष चौहान विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पंचायती राज व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठे हैं।
ग्रामीणों की मांग
गांव के लोग अब इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जुआ न केवल युवाओं को बर्बाद कर रहा है, बल्कि गांव की शांति और सम्मान को भी ठेस पहुंचा रहा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि ग्राम प्रधान के खिलाफ निष्पक्ष जांच हो और जुए की इस गंदगी को जड़ से खत्म किया जाए।
क्या होगा अगला कदम?
फिलहाल, रामपुर पांडेय के इस जुए का खेल का जंजाल बना दिया है। रामपुर पांडेय का यह मामला न केवल एक गांव की कहानी है, बल्कि यह उन तमाम ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति को उजागर करता है, जहां सत्ता और प्रभाव का दुरुपयोग हो रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाता है और क्या गांव के युवाओं को इस बुराई से बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाएगा