

फतेहपुर के एक तालाब में अचानक हजारों की संख्या में मछलियां मर जाने से गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते व्यवस्था नहीं की गई तो गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं। तालाब का पट्टा लेने वाले मत्स्यपालक पुत्तन कहार ने मृत मछलियों को बाहर निकालकर निस्तारित नहीं किया है।
तालाब में मछलियों की मौत
Fatehpur: फतेहपुर के असोथर थाना क्षेत्र के कंधिया गांव स्थित बड़े तालाब में अचानक हजारों की संख्या में मछलियां मर जाने से गांव में हड़कंप मच गया। तालाब में सड़ रही मछलियों से उठ रही दुर्गंध ने आसपास के नागरिकों का जीना मुश्किल कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते व्यवस्था नहीं की गई तो गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं।
तालाब का पट्टा लेने वाले मत्स्यपालक पुत्तन कहार ने मृत मछलियों को बाहर निकालकर निस्तारित नहीं किया है। मछलियां लगातार पानी में सड़ रही हैं और दुर्गंध से आसपास के घरों में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि कई दिनों से समस्या बनी हुई है लेकिन मत्स्यपालक उदासीन बने हुए हैं।
पूर्व प्रधान भोलेपाल ने मृत मछलियों के ढेर की सूचना डायल 112 पर दी। बावजूद इसके अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि तीन वर्ष पूर्व भी अगस्त-सितंबर माह में इसी तालाब की सड़ांध से गांव में संक्रामक बीमारी फैली थी, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से बीमार पड़े थे और कुछ की जान भी चली गई थी। इस बार भी हालात वैसे ही बनने लगे हैं।
गांव के शिवकिशोर ने बताया कि कई बार पुत्तन कहार को मछलियां हटाने को कहा गया लेकिन उन्होंने बात टाल दी। वहीं विजय कुमार ने बताया कि मृत मछलियों को जमीन में दफनाने की बात कहने पर मत्स्यपालक ग्रामीणों से उल्टी-सीधी बातें करने लगते हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द तालाब से मृत मछलियों का निस्तारण कराया जाए, अन्यथा गांव में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है।