

मंगलवार दोपहर अचानक बदले मौसम ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। तेज हवाओं, गरज-चमक के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने लोगों को जहाँ राहत दी, वहीं दो चरवाहों के लिए आफत बनकर टूटी। घटना में दोनों तो झुलस गए लेकिन उनकी तीन बकरियाँ मौके पर ही काल के गाल में समा गईं।
प्रतीकात्मक छवि
Fatehpur: फतेहपुर में मंगलवार दोपहर अचानक बदले मौसम ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। तेज हवाओं, गरज-चमक के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने लोगों को जहाँ राहत दी, वहीं दो चरवाहों के लिए आफत बनकर टूटी। प्रेममऊ कटरा क्षेत्र में नहर पटरी पर बकरियाँ चरा रहे दो चरवाहे आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए। घटना में दोनों तो झुलस गए लेकिन उनकी तीन बकरियाँ मौके पर ही काल के गाल में समा गईं।
जानकारी के अनुसार, प्रेममऊ कटरा निवासी रामचंद्र (35) और लोटन (40) मंगलवार दोपहर अपने गांव के पास निचली गंगा नहर की पटरी पर बकरियाँ चरा रहे थे। इसी दौरान मौसम ने अचानक करवट ली और तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए दोनों चरवाहे नहर किनारे खड़े जामुन के पेड़ के नीचे छिप गए। तभी अचानक आकाशीय बिजली गिरने से दोनों झुलस गए। वहीं रामचंद्र की दो और लोटन की एक बकरी की मौके पर ही मौत हो गई।
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घटना के दौरान आस-पास मौजूद अन्य चरवाहों ने भागकर दोनों को बाहर निकाला और परिजनों को सूचना दी। आनन-फानन में परिजन दोनों को इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए। जहाँ डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद खतरे से बाहर बताते हुए घर भेज दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अचानक बदले मौसम में नहर पटरी पर काफी देर तक तेज बारिश होती रही। गनीमत रही कि दोनों चरवाहों की जान बच गई, वरना हादसा बड़ा हो सकता था। वहीं तीन बकरियों की मौत से गरीब परिवार को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ा है।