

महराजगंज के सुकरहर ग्राम पंचायत और कोल्हूआ स्थित प्रभाकृष्णा एजुकेशन एकेडमी में अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस मनाया गया। ग्रामीणों, वनकर्मियों और स्कूली बच्चों ने मिलकर गिद्ध संरक्षण का संकल्प लिया और इनके महत्व पर जागरूकता फैलाई। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
सुकरहर और कोल्हूआ में अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर जुटे ग्रामीण व छात्र
महराजगंज: गिद्ध जैसे दुर्लभ होते जा रहे पक्षियों के संरक्षण और इनके महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आज जनपद महराजगंज के विभिन्न हिस्सों में अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस मनाया गया। इस दौरान ग्रामीणों, स्कूली बच्चों, शिक्षकों और वन विभाग के कर्मियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और गिद्धों को बचाने का संकल्प लिया।
संक्रमणजनित रोगों का खतरा कई गुना बढ़ा
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार डीएफओ निरंजन सुर्वे के आदेश पर सुकरहर ग्राम पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक भागीदारी की। ग्रामीणों को समझाया गया कि गिद्ध प्रकृति के “स्वच्छता दूत” हैं, जो मृत पशुओं के शव को खाकर घातक बीमारियों को फैलने से रोकते हैं। वक्ताओं ने कहा कि यदि गिद्ध खत्म हो गए तो मानव और पशुओं के बीच संक्रमणजनित रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा।
असंतुलन के कारण गिद्धों की संख्या तेजी से घट रही
इसी कड़ी में लक्ष्मीपुर रेंज के ग्राम कोल्हूआ उर्फ सिंगोरवा स्थित प्रभाकृष्णा एजुकेशन एकेडमी में भी विशेष कार्यक्रम हुआ। यहां वनकर्मियों और शिक्षकों ने स्कूली छात्र-छात्राओं को गिद्धों के महत्व और इनके संरक्षण की जरूरत पर विस्तार से बताया। विद्यार्थियों को यह जानकारी दी गई कि दवाओं और पर्यावरणीय असंतुलन के कारण गिद्धों की संख्या तेजी से घट रही है, जिससे प्राकृतिक चक्र प्रभावित हो रहा है।
समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प
जानकारी के मुताबिक, बच्चों ने भी कार्यक्रम के दौरान गिद्ध संरक्षण पर अपने विचार रखे और समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि गिद्धों को बचाने के लिए ग्रामीण सहयोग और जनजागरूकता सबसे बड़ा हथियार है। कार्यक्रम का समापन पर्यावरण संरक्षण और जीव-जंतुओं की सुरक्षा के सामूहिक संदेश के साथ हुआ। इस अवसर पर उपस्थित सभी ने मिलकर गिद्धों के संरक्षण और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने का वचन लिया।