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एलन मस्क की xAI कंपनी का चैटबॉट Grok गंभीर विवाद में फंस गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह AI नाम डालते ही लोगों का घर का पता, फोन नंबर और निजी जानकारी साझा कर रहा है। Futurism की जांच में सामने आया है कि Grok की प्राइवेसी सुरक्षा फिल्टर तक सही से काम नहीं कर रहे हैं।
गंभीर विवाद में Grok (Img source: Google)
New Delhi: एलन मस्क की AI कंपनी xAI द्वारा बनाया गया चैटबॉट Grok इन दिनों भारी विवादों में घिर गया है। हालिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह AI मॉडल बेहद कम पूछताछ पर भी आम लोगों के घर के पते, फोन नंबर और निजी जानकारी तक साझा कर रहा है। टेक वेबसाइट Futurism की जांच में सामने आया है कि X (पहले ट्विटर) में इंटीग्रेटेड यह AI मॉडल प्राइवेसी के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित हो रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जांच के दौरान जब केवल “(नाम) address” टाइप किया गया तो Grok ने चौंकाने वाले नतीजे दिखाए। 33 रैंडम नामों में से 10 लोगों के मौजूदा घर के पते, 7 लोगों के पुराने पते और 4 लोगों के ऑफिस एड्रेस तक साझा कर दिए गए।
कुछ मामलों में Grok ने गलत व्यक्ति से जानकारी जोड़ दी, फिर भी यूजर को “और सटीक सर्च करने” का सुझाव दे दिया। कई चैट्स में तो उसने Answer A और Answer B जैसे विकल्प देकर दोनों में नाम, फोन नंबर और घर के पते तक दिखा दिए।
यह व्यवहार सिर्फ मशहूर हस्तियों तक सीमित नहीं रहा। एक मामले में Grok ने Barstool Sports के फाउंडर डेव पोर्टनॉय का सही पता तुरंत बता दिया। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह रही कि यही व्यवहार उसने आम नागरिकों के साथ भी दोहराया, जिनका कोई सार्वजनिक प्रोफाइल तक नहीं था।
Grok पर गंभीर आरोप (Img source: Google)
Grok का यह रवैया ChatGPT, Google Gemini और Anthropic के Claude जैसे AI मॉडल्स से बिल्कुल उलट है। ये सभी मॉडल प्राइवेसी और सुरक्षा नियमों का हवाला देकर इस तरह की निजी जानकारी साझा करने से तुरंत इनकार कर देते हैं। वहीं Grok न सिर्फ जानकारी देता है, बल्कि कई बार यूजर को और ज्यादा डिटेल निकालने के लिए प्रेरित भी करता है।
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xAI का दावा है कि Grok में “हानिकारक रिक्वेस्ट” रोकने के लिए सुरक्षा फिल्टर लगे हुए हैं। हालांकि रिपोर्ट बताती है कि इन फिल्टर्स में डॉक्सिंग, स्टॉकिंग या निजी जानकारी साझा करने को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करने की मजबूत व्यवस्था नहीं है।
हालांकि xAI की पॉलिसी ऐसे इस्तेमाल को गैरकानूनी मानती है, लेकिन Grok के जवाब साफ दिखाते हैं कि सिक्योरिटी फिल्टर्स जमीनी स्तर पर सही ढंग से काम नहीं कर रहे।
विशेषज्ञों का मानना है कि Grok इंटरनेट पर मौजूद पब्लिक डेटा, सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और डेटा-ब्रोकर प्लेटफॉर्म्स से जानकारी जोड़कर जवाब तैयार कर रहा है। असली खतरा यह नहीं है कि डेटा मौजूद है, बल्कि यह है कि AI उसे सेकेंडों में जोड़कर बेहद आसान और खतरनाक तरीके से पेश कर रहा है।
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इस तरह की जानकारी का गलत इस्तेमाल डॉक्सिंग, साइबर स्टॉकिंग, ब्लैकमेलिंग और फिजिकल अटैक जैसे खतरों को जन्म दे सकता है। यदि AI टूल्स इस स्तर पर निजी जानकारी साझा करने लगें, तो यह डिजिटल सुरक्षा के लिए एक बड़ा अलार्म माना जा रहा है।
फिलहाल इस मामले पर xAI या एलन मस्क की ओर से कोई विस्तृत आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन टेक जगत में यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर Grok जैसे AI टूल्स पर तुरंत सख्त नियंत्रण नहीं लगाया गया, तो प्राइवेसी एक बड़ी कीमत चुका सकती है।
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