

मैनपुरी के सिकंदरपुर प्राथमिक विद्यालय में जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने औचक निरीक्षण कर शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। जर्जर भवन में कक्षा संचालित होते देख उन्होंने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
DM के औचक निरीक्षण से मचा हड़कंप
Mainpuri: शिक्षा की वास्तविक स्थिति जानने के लिए मैनपुरी जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने प्राथमिक विद्यालय सिकंदरपुर का औचक निरीक्षण किया। जैसे ही जिलाधिकारी स्कूल पहुंचे, वहां मौजूद स्टाफ में हड़कंप मच गया। निरीक्षण के दौरान स्कूल की हालत देखकर डीएम न केवल चौंके, बल्कि खुद ही कक्षा में बच्चों को पढ़ाने में जुट गए।
विद्यालय की इमारत जर्जर हालत में पाई गई। एक कमरा इस कदर खस्ताहाल था कि उसमें बच्चों का बैठना खतरे से खाली नहीं था। डीएम ने तत्काल आदेश देते हुए उस कमरे को खाली कराया और छात्रों को सुरक्षित कक्षा में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए।
डीएम ने रजिस्ट्रेशन रजिस्टर देखा
निरीक्षण के दौरान डीएम ने सीधे कक्षा में जाकर बच्चों से सवाल पूछे। उन्होंने ब्लैकबोर्ड पर खुद सवाल लिखे और बच्चों से जोड़-घटाने के सवाल हल कराए। इस दौरान बच्चों से बातचीत कर उन्होंने उनकी समझ और सीखने के स्तर की जांच की। इस पहल ने न सिर्फ छात्रों में उत्साह भरा, बल्कि वहां मौजूद शिक्षकों को भी चेताया कि शिक्षा में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।
डीएम ने रजिस्ट्रेशन रजिस्टर देखा, जिसमें 67 बच्चों के नाम दर्ज थे। लेकिन हाजिरी में गिनती कम पाई गई। इस पर जिलाधिकारी ने विद्यालय प्राचार्य को फटकार लगाते हुए छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नामांकन और उपस्थिति में समानता होनी चाहिए, अन्यथा यह गंभीर लापरवाही मानी जाएगी।
डीएम ने सीधे कक्षा में जाकर बच्चों से सवाल पूछे
जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने यह भी कहा कि जर्जर भवन में किसी भी प्रकार की कक्षा संचालित नहीं होनी चाहिए, यह बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद में जिन भी विद्यालयों की स्थिति खराब है, उनकी सूची तैयार कराकर जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाए।
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इस औचक निरीक्षण के बाद शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है। डीएम की यह कार्यशैली साफ संदेश देती है कि बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, बच्चों की उपस्थिति बढ़ाना और आधारभूत संरचना को दुरुस्त करना अब विभाग की प्राथमिकता बन गई है।
आमतौर पर अधिकारी फाइलों में सिमटे रहते हैं, लेकिन जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह की यह कार्यशैली जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाली है।