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बिहार चुनाव परिणामों के बाद सपा सांसद डिंपल यादव ने चुनाव आयोग और बीजेपी की रणनीति पर सवाल उठाए। उन्होंने SIR प्रक्रिया, EVM, वोट डिलीट होने और आयोग की पारदर्शिता पर गंभीर आरोप लगाए। साथ ही दिल्ली ब्लास्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
डिंपल यादव
Mainpuri: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद समाजवादी पार्टी (SP) की सांसद डिंपल यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और चुनाव आयोग की रणनीति सफल रही, क्योंकि SIR (Special Integrated Revision) की प्रक्रिया चुनाव से ठीक डेढ़ महीने पहले लागू की गई, जिससे बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में गड़बड़ी हुई और कई लोगों के नाम डिलीट हो गए। उनके अनुसार इस दौरान बनाई गई रणनीति ने चुनाव परिणामों को प्रभावित किया।
डिंपल यादव ने कहा, “इसमें कोई दो राय नहीं है कि SIR की प्रक्रिया बहुत सोच-समझकर चुनाव से ठीक पहले लागू की गई। इससे लाखों मतदाता सही ढंग से रजिस्टर नहीं हो पाए। कई जगहों पर बड़ी संख्या में वोट डिलीट हुए हैं। इसका असर साफ तौर पर चुनाव परिणामों में दिखाई दे रहा है। बीजेपी और चुनाव आयोग की रणनीति कामयाब रही।”
बिहार चुनाव के बाद, समाजवादी पार्टी के कांग्रेस से दूर होने की संभावनाओं को लेकर पूछे गए सवाल पर डिंपल यादव ने बड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अभी गठबंधन में कोई बदलाव की बात नहीं है। उन्होंने कहा, “अभी यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी। हम अभी भी गठबंधन में हैं और हमारा उद्देश्य बीजेपी को मजबूती से पराजित करना है। निर्णय जल्दबाज़ी में नहीं लिए जाते। हम सब मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे।”
डिंपल यादव ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग डिलीट किए गए वोटरों की सूची सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह पूरे चुनाव प्रक्रिया को संदिग्ध बनाता है।सपा सांसद ने कहा, “चुनाव आयोग डिलीटेड मतदाताओं की सूची जारी क्यों नहीं कर रहा? आखिर इतनी गोपनीयता क्यों? विपक्ष के कई सवालों पर चुनाव आयोग ध्यान नहीं दे रहा है। इससे साफ है कि आयोग एक पक्ष के पक्ष में कार्रवाई कर रहा है और विपक्ष की अनदेखी कर रहा है। यह चिंता का विषय है।” उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी और SIR प्रक्रिया की अचानक शुरुआत ने चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं।
विपक्ष की ओर से EVM और SIR प्रक्रिया को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल पारदर्शिता चाहता है। उन्होंने कहा, “हमारा सिर्फ इतना कहना है कि अगर SIR कराना ही था तो चुनाव से छह महीने पहले कराया जाता। फिर इतनी अफरा-तफरी में डेढ़ महीने पहले यह प्रक्रिया क्यों शुरू हुई? इससे आम मतदाता परेशान हुए।”
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा सबसे महत्वपूर्ण है और चुनाव आयोग की ऐसी कार्रवाइयों से लोगों का विश्वास कमजोर होता है।
दिल्ली में हाल ही में हुए ब्लास्ट और NIA द्वारा पहली गिरफ्तारी के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए डिंपल यादव ने कहा कि घटना बेहद गंभीर है। उन्होंने बताया, “यह बहुत गंभीर और निंदनीय घटना है। जो लोग इस घटना को अंजाम देने में शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हम जांच एजेंसियों के साथ हैं और उम्मीद करते हैं कि दोषियों को जल्द सजा मिलेगी।”
डिंपल यादव ने कहा कि सुरक्षा मामलों में सरकार, एजेंसियों और विपक्ष को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।