

देवरिया विकास भवन के अंदर बने नगर पालिका परिषद संचालित सार्वजनिक सुलभ शौचालय की हालत बदतर है। शौचालय में गंदगी के अलावा शराब की बोतलें और सिगरेट के टुकड़े पड़े मिले। सफाई कर्मी और जिम्मेदार अधिकारी लगातार नदारत हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार की योजनाएं धरातल पर सिमटती दिख रही हैं।
देवरिया विकास भवन
Deoria: देवरिया विकास भवन, जनपद का एक महत्वपूर्ण सरकारी केंद्र है। जहां नगर पालिका परिषद द्वारा संचालित सार्वजनिक सुलभ शौचालय की स्थिति दयनीय हो चुकी है। डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने मौके पर जाकर देखा कि यह शौचालय गंदगी और अव्यवस्था के कारण जनता और यहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए मुसीबत बन गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विकास भवन में जिला पंचायत, पशुपालन, कृषि, दिव्यांगजन, समाज कल्याण, श्रम, अल्पसंख्यक कल्याण समेत कई विभागों के कार्यालय हैं, जहां रोजाना सैकड़ों कर्मचारी और जनता आते-जाते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठान में सार्वजनिक शौचालय की साफ-सफाई और रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद देवरिया की है। लेकिन यहां हालात अत्यंत खराब हैं।
शौचालय में मिलीं शराब की बोतलें
शौचालय के अंदर गंदगी, कूड़ा, शराब की बोतलें, सिगरेट के टुकड़े और टूटे हुए शौचालय की सीटें देखी गईं। साफ-सफाई के लिए तैनात कर्मचारी और जिम्मेदार अधिकारी अनुपस्थित पाए गए। इससे साफ पता चलता है कि व्यवस्थाओं में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है।
देवरिया विकास भवन के अंदर बने नगर पालिका परिषद संचालित सार्वजनिक सुलभ शौचालय की हालत बदतर है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार की योजनाएं धरातल पर सिमटती दिख रही हैं। देखिये डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता दिनेश राव की ये खास रिपोर्ट#deoria #swachhbharat #publictoilet pic.twitter.com/f6ny4EiaTj
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 22, 2025
स्थानीय लोगों और विकास भवन आने वाले कर्मचारियों का कहना है कि शौचालय की सफाई नियमित रूप से नहीं होती और यह जगह गंदगी का अंबार बन चुकी है। वे प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि इस ओर तुरंत ध्यान दिया जाए क्योंकि यह सिर्फ एक शौचालय नहीं बल्कि सरकारी प्रतिष्ठान का अहम हिस्सा है, जहां हजारों लोग दैनिक रूप से आते हैं।
कागजों में सफल दिखती हैं योजनाएं
लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाएं कागजों में तो सफल दिख रही हैं, लेकिन वास्तविक धरातल पर उनका कोई असर नजर नहीं आ रहा। देवरिया विकास भवन में बने इस सार्वजनिक शौचालय की स्थिति इस बात का जीवंत प्रमाण है।
डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, जिम्मेदार अधिकारी साफ-सफाई में तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने में असफल रहे हैं और मौजूदा व्यवस्था सिर्फ दिखावटी बनकर रह गई है। इससे न केवल यहां आने वाले लोग परेशान हैं, बल्कि संक्रमण और स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ रहे हैं। देवरिया के नागरिकों और कर्मचारियों की यह मांग है कि नगर पालिका परिषद अपने दायित्वों का निर्वहन करे और इस दयनीय स्थिति को सुधारने के लिए त्वरित कार्रवाई करें।