

चंदौली के नौली गांव में तेज बारिश के कारण कच्चा मकान गिर गया, जिसमें एक परिवार के पांच सदस्य मलबे में दब गए। ग्रामीणों की मदद से सभी को बचाया गया। परिवार सरकारी आवास योजना से वंचित है, जिससे उनकी स्थिति और भी नाजुक हो गई है। घटना की सूचना मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई।
बारिश के कारण गिरा कच्चा मकान
Chandauli: बारिश का मौसम उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में तबाही लेकर आया। धानापुर थाना क्षेत्र के नौली गांव में आज शुक्रवार अलसुबह एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब लगातार बारिश के कारण एक कच्चा मकान भरभराकर गिर गया। हादसे के समय मकान के अंदर सो रहा एक ही परिवार मलबे में दब गया।
घटना के वक्त तेज बारिश हो रही थी, और इसी दौरान कच्ची दीवारें पानी में गल चुकी थीं। अचानक मकान ढहने से जोरदार आवाज हुई, जिसे सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। गांव के लोगों ने बिना देरी किए मलबा हटाना शुरू किया और पांच लोगों को किसी तरह बाहर निकाला।
घटना की सूचना मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने जान पर खेलकर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। बचाए गए सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं। हादसे में सभी घायल हो गए, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, धानापुर में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर मलबा हटाने में थोड़ी भी देरी होती, तो जानी नुकसान भी हो सकता था।
चंदौली के धानापुर के नौली गांव में बारिश के बाद हादसा, सरकारी आवास योजना से वंचित परिवार की जान पर संकट#ChandauliNews #HouseCollapse #FamilyRescue pic.twitter.com/ggZgW2snxy
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 3, 2025
हादसे के बाद एक और कड़वा सच सामने आया- यह परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना जैसी सरकारी योजनाओं से अब तक वंचित था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह परिवार कई बार सरकारी मदद के लिए आवेदन कर चुका था, लेकिन हर बार सरकारी तंत्र की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण इन्हें सूची से बाहर कर दिया गया। गांव वालों ने बताया कि जिनके पास पक्के मकान और पहले से सुविधाएं हैं, उन्हें बार-बार सरकारी आवास मिल रहा है, जबकि जिन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है, वे आज भी कच्चे मकानों में जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
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अस्पताल में भर्ती घायल
घटना के बाद प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। गांववालों ने बताया कि बारिश की चेतावनी पहले से थी, लेकिन किसी भी विभाग ने गांव में सर्वे नहीं कराया और कमजोर मकानों को चिह्नित नहीं किया। ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है कि एक गरीब परिवार आज मौत के मुंह से वापस आया है।
घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी कोई जनप्रतिनिधि या उच्च अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। न तो पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता की घोषणा हुई, न ही कोई राहत सामग्री दी गई है। ग्रामीणों में इसको लेकर काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि सरकार सिर्फ कागजों में योजनाएं चलाती है, जमीनी हकीकत इससे बिलकुल अलग है।
घटना के बाद ग्रामीणों की मांग है कि- पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए, परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान उपलब्ध कराया जाए।हादसे की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और गांव में रह रहे अन्य गरीब परिवारों का सर्वे कर आवास उपलब्ध कराए जाएं।
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