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बुलंदशहर के खुर्जा पॉटरी क्षेत्र में तहसील टीम ने छापेमारी कर प्रतिबंधित काले तेल से चल रही भट्टी पकड़ी। निरीक्षण में शांति देवी सिरेमिक पॉटरी में काला तेल जलाकर बर्तन तैयार किया जा रहा था। पॉटरी को सील कर दिया गया।
पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा
Bulandshahr: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की खुर्जा तहसील में तहसीलदार और उनकी टीम ने छापेमारी कर एक गंभीर पर्यावरणीय उल्लंघन को पकड़ लिया। इलाके की पॉटरीयों में निरीक्षण के दौरान शांति देवी सिरेमिक पॉटरी, नेहरूपुर चुंगी, हजरतपुर में प्रतिबंधित काले तेल का इस्तेमाल करते हुए चीनी मिट्टी के बर्तन पकाए जा रहे थे।
जिलाधिकारी के आदेश पर सभी पॉटरीयों का निरीक्षण किया गया। तहसीलदार सचिन कुमार ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और उल्लंघन करते हुए पॉटरी को सील कर दिया।
निरीक्षण के दौरान पता चला कि काले तेल को भट्टी टनल में जलाया जा रहा था। इससे हवा में जहरीला धुंआ फैलता है, जो न केवल पर्यावरण के लिए खतरनाक है, बल्कि आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि काले तेल के धुएं में हानिकारक रसायन होते हैं, जो फेफड़े और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लंबे समय तक ऐसे धुएं के संपर्क में रहने वाले लोग सांस संबंधी रोगों का शिकार हो सकते हैं।
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जिलाधिकारी के आदेश पर जांच
तहसीलदार सचिन कुमार के नेतृत्व में टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उल्लंघन करने वाली पॉटरी को सील कर दिया। तहसीलदार ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर क्षेत्र की सभी पॉटरीयों का निरीक्षण किया गया और भविष्य में ऐसे उल्लंघनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पॉटरी मालिकों को चेतावनी दी गई कि किसी भी प्रकार का प्रतिबंधित तेल का इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। टीम ने यह भी निर्देश दिया कि पॉटरी संचालन में केवल स्वीकृत और पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप ईंधन का ही इस्तेमाल किया जाए।
प्रतिबंधित तेल का इस्तेमाल न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है बल्कि यह स्थानीय पर्यावरण और वातावरण को भी प्रदूषित करता है। लोगों ने तहसील की टीम की कार्रवाई की सराहना की और उम्मीद जताई कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों पर लगातार निगरानी रखी जाएगी।
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स्थानीय निवासी बताते हैं कि अक्सर पॉटरी क्षेत्र से उठता धुआं घरों तक पहुंचता है और आसपास के खेतों, पानी और वातावरण को प्रभावित करता है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों पर कड़ी निगरानी से न केवल लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा होगी, बल्कि पॉटरी व्यवसाय को भी सुरक्षित और मानक अनुसार चलाया जा सकेगा।