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हल्द्वानी में शादी-विवाह के सीजन को देखते हुए पुलिस ने ट्रैफिक और शोर नियम कड़े किए। भारी लाइटिंग ट्रॉली और हाई-बेस डीजे पर रोक, बारात की लंबाई सीमित, रात 10 बजे के बाद डीजे पर पूरी तरह प्रतिबंध। उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई।
हल्द्वानी पुलिस का बड़ा फैसला
Haldwani: उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में शादी-विवाह के सीजन के दौरान बढ़ रही ट्रैफिक समस्याओं को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। एसएसपी नैनीताल डॉ. मंजूनाथ टीसी के निर्देश पर कोतवाली हल्द्वानी के सभागार में बैठक आयोजित की गई, जिसमें SP क्राइम जगदीश चंद्रा और सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान भी उपस्थित रहे।
बैठक में शहर के बैंक्वेट हॉल मालिकों और डीजे संचालकों को आगामी शादी समारोहों के लिए नई व्यवस्थाओं और नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि बारातों में इस्तेमाल होने वाले बड़े पहियों वाले लाइटिंग सेट-अप अब पूरी तरह बंद रहेंगे। अधिकारी बताते हैं कि ऐसे भारी ट्रॉली सड़क पर चलते ही ट्रैफिक बाधित हो जाता है और कई बार एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन गाड़ियों को भी मार्ग नहीं मिल पाता।
अब केवल हाथ में पकड़कर चलाए जाने वाले छोटे लाइटिंग सेटअप ही मान्य होंगे। अधिकारियों ने कहा कि इससे ट्रैफिक सुचारू रहेगा और जुलूस सुरक्षित रूप से आगे बढ़ सकेगा।
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पुलिस ने बारात की लंबाई पर भी नियंत्रण रखा। अब जुलूस वेन्यू से अधिकतम 200 मीटर तक ही बढ़ सकेगा, ताकि रास्ता अवरुद्ध न हो और आवाजाही प्रभावित न हो। बारात के आगे और पीछे चलने वाली टीम को भी अनुशासन में रहने और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए।
शादी समारोह में बड़े हाई-बेस डीजे पर भी सख्त रोक लागू की गई है। अधिकारी बताते हैं कि शाम होते ही कई इलाकों में आवाज़ इतनी तेज हो जाती है कि आसपास के लोगों की दिनचर्या और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। रात 10 बजे के बाद डीजे का उपयोग पूरी तरह गैरकानूनी माना जाएगा और शिकायत मिलने पर मौके पर ज़ब्ती कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में कोतवाली प्रभारी अमर चंद्र शर्मा, यातायात प्रभारी महेश चंद्रा, एसएसआई रोहिताश के साथ शहर के बैंक्वेट और डीजे संचालक मौजूद रहे। बैठक में अधिकारियों ने साफ किया कि नियम सभी के लिए समान रूप से लागू होंगे और बारात के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पुलिस ने कहा कि इन नियमों का मुख्य उद्देश्य शहर में ट्रैफिक सुगमता, आपातकालीन वाहन मार्ग और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अधिकारी यह भी जोड़ते हैं कि यह व्यवस्था शादी समारोहों को प्रभावित करने के बजाय उन्हें सुरक्षित और व्यवस्थित बनाएगी।