

ग्रिल नीचे खड़ी एक बुजुर्ग महिला पर सीधे आ गिरी। जिससे उसका सिर धड़ से अलग हो गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट
कार्रवाई के बजाय नोएडा पुलिस ने परिजनों को पीटा
ग्रेटर नोएडा: ओमीक्रॉन-3 सेक्टर स्थित मिगसन अल्टिमो सोसाइटी में बुधवार रात आई तेज आंधी एक दर्दनाक हादसा लेकर आई। एक टावर की छत से लोहे और टीन की भारी ग्रिल गिरने से एक महिला और उसके 2 वर्षीय नाती की मौत हो गई। इस हादसे के बाद पीड़ित परिजनों ने सड़क पर उतरकर खूब हंगामा किया। जिसके बाद पुलिस मैदान में आ गई। पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित परिजनों पर ही लाठी-चार्ज कर दिया। इसके साथ भाजपा नेता भी बिल्डर के समर्थन में आ गए। वो भाजपा नेता, जो मंडल अध्यक्ष पद पर लंबे समय तक रह चुका है।
सवाल खड़ा होता है कि क्या सत्ताधारी पार्टी भी ऐसे बिल्डरों के साथ खड़ी है, जो किसी की मौत का जिम्मेदार है। इसके साथ पुलिस भी सवालों के घेरे में है। क्योंकि बिल्डर पर कार्रवाई के बजाय पुलिस ने पीड़ित परिजनों पर ही लाठी-चार्ज कर दिया। उसके बाद परिजनों को भगाया गया। इस घटना के बाद निवासियों में गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे ग्रेटर नोएडा शहर को झकझोर कर रख दिया है।
बिल्डर की लापरवाही पर भड़का गुस्सा
निवासियों का आरोप है कि छत पर ग्रिल को शॉफ्ट के ऊपर अस्थायी रूप से और बिना किसी सुरक्षा उपाय के रखा गया था। तेज हवा में वह नीचे गिर गई। जिससे यह जानलेवा हादसा हुआ। लोगों का यह भी कहना है कि घटना के बाद भी पुलिस और प्रशासन ने बिल्डर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जिससे गुस्सा और बढ़ गया।
सड़क पर उतरे लोग, पुलिस से झड़प
गुरुवार सुबह करीब 11 बजे सोसाइटी की बड़ी संख्या में महिलाएं समेत सैकड़ों निवासी क्लब हाउस के बाहर इकट्ठा हुए और पैदल मार्च करते हुए सोसाइटी के बाहर 130 मीटर रोड पर पहुंच गए। वहां उन्होंने सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया और “बिल्डर हाय-हाय” और “पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद” के नारे लगाए। इस प्रदर्शन के कारण क्षेत्र का यातायात बाधित हो गया और वाहन लंबे समय तक फंसे रहे।
पुलिस और प्रशासन का हस्तक्षेप
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग कार्रवाई की ठोस मांग पर अड़े रहे। कुछ देर बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लोगों को हटाने की कोशिश की। जिसके दौरान कई लोगों को चोटें भी आई। झड़प के बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। करीब तीन घंटे तक चले इस हंगामे के बाद अधिकारियों द्वारा उचित कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने पर लोग शांत हुए।