

यूपी के भदोही जनपद के सीतामढ़ी में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव के मूसलाधार बारिश ने रामकथा महोत्सव की तैयारियों की पोल खोल दी, दुकानें डूब गई, कई व्यापारियों का सारा सामान बर्बाद हो गया।
आयोजन स्थल के बाहर खड़ी गाड़ी पानी में फंसी
Bhadohi: पौराणिक धार्मिक नगरी सीतामढ़ी में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव के सातवें दिन गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब अचानक मौसम ने करवट ली और तेज़ हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश ने पूरे आयोजन को अस्त-व्यस्त कर दिया। लवकुश इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित इस विशाल धार्मिक कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु और दुकानदार शामिल हुए थे, जो दूर-दराज से रामकथा सुनने के लिए पहुंचे थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बारिश ने कुछ ही मिनटों में आयोजन स्थल को पूरी तरह जलमग्न कर दिया। तेज हवाओं के कारण कथा पंडाल में लगी प्लास्टिक की कुर्सियाँ उड़कर इधर-उधर बिखर गईं। पंडाल के कपड़े फट गए और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। श्रद्धालु भीगते हुए सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे, लेकिन इस कठिन परिस्थिति के बावजूद कई श्रद्धालु कथा पंडाल में डटे रहे।
बारिश ने सबसे ज़्यादा असर व्यापारियों पर डाला। कथा स्थल के बाहर लगी दुकानें कुछ ही समय में जलमग्न हो गईं। दुकानों में रखा प्रसाद, पूजा सामग्री, खिलौने और वस्त्र पूरी तरह खराब हो गए। कई व्यापारियों का सारा सामान पानी में बह गया, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, आयोजन स्थल के बाहर खड़ी दर्जनों गाड़ियाँ भी पानी में फंस गईं, जिससे आवागमन ठप हो गया और श्रद्धालुओं को बाहर निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जलमग्न हुआ आयोजन स्थल
तेज बारिश के कारण कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई, जिससे आयोजन पूरी तरह रुक गया। स्थिति को देखते हुए आयोजन समिति और प्रशासन ने संयुक्त रूप से मोर्चा संभाला। बारिश थमते ही विद्युत व्यवस्था बहाल की गई और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित कर शांतिपूर्वक आयोजन को पुनः पटरी पर लाया गया।
आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इस आकस्मिक आपदा में सौभाग्यवश किसी भी श्रद्धालु को शारीरिक हानि नहीं हुई। घटना के बाद तुरंत मौके पर कर्मचारियों और स्वयंसेवकों ने मिलकर जल निकासी शुरू की और स्थिति को काबू में किया।
घटना के बाद व्यापारियों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों में मौसम की पूर्व जानकारी के आधार पर बेहतर इंतज़ाम किए जाएं, ताकि ऐसे हालात में जनहानि या आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।