

बाराबंकी में नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी और क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई गांवों में दहशत का माहौल है। बहाव बांध से करीब दो से तीन किलोमीटर दूर तक पहुंच चुका है।
सरयू नदी का बढ़ता जलस्तर
Barabanki: बाराबंकी में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से रामसनेहीघाट और सिरौलीगौसपुर तहसीलों के तटीय गांवों में खतरा बढ़ गया है। नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी और क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई गांवों में दहशत का माहौल है। लगातार कटान कर रही नदी में बाढ़ की संभावित स्थिति को लेकर मंगलवा को तहसील के अफसर तराई गए और ग्रामीणों से बात की।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार तहसील क्षेत्र में सरयू नदी का बहाव बांध से करीब दो से तीन किलोमीटर दूर तक पहुंच चुका है। तराई के गांव बेलहरी, जमका फाजिलपुर, पूरनपुर, कोडरी, बलईपुर, मदरहा, चौधरीपुरवा, माधवपुरवा, बाबा का पुरवा, बतनेरा, ललपुरवा, सुरसंडा, सुंदरनगर और पेशकार पुरवा जैसे गांवों की ओर पानी का स्तर धीमी गति से बढ़ रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि नदी का जलस्तर दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। जिले के सिरौलीगौसपुर, रामनगर व रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के करीब 80 गांव हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं। नदी का पानी खतरे के निशान 106.70 मीटर से ऊपर होते ही तटवर्तीय गांवों में बाढ़ का पानी भरने लगता है।
नदी का जलस्तर 107.00 मीटर तक पहुंचने पर बाढ़ का पानी करीब 80 गांवों में भरने से आवागमन के रास्ते पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। ऐसे में तटवर्ती गांवों के बाढ़ पीड़ितों को तटबंध पर शरण लेना पड़ती है। निगरानी से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार बीते दो दिनों से हो रही बारिश के कारण जल स्तर करीब दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ता दर्ज हुआ है। नदी में पानी के बढ़ने की रफ्तार इसी तरह रही तो हालात बिगड़ सकते हैं।
अधिशाषी अभियंता शशिकांत सिंह ने बताया कि क्षेत्र में आठ किलोमीटर लंबा बंधा बना हुआ है और किसी भी प्रकार की कटान की सूचना पर तुरंत मरम्मत कार्य कराया जाएगा। वहीं, एसडीएम अनुराग सिंह ने बताया कि स्थिति पर हर पल नजर रखी जा रही है और संबंधित अधिकारियों से लगातार अपडेट ली जा रही। उन्होंने बताया कि संभावित प्रभावित गांवों में प्रशासन की टीम जाकर लोगों को सतर्क कर रही है।
सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के सनावा, टेपरा, कहारन पुरवा, और तेलवारी जैसे नदी के किनारे बसे गांवों के निवासियों के अनुसार सोमवार रात से पानी का स्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे कई जगहों पर हल्की कटान भी शुरू हो गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बाढ़ खंड द्वारा कटान प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में "परक्यू पॉइन्ट" नहीं लगाए गए हैं, जबकि जहां कटान नहीं है, वहां काम कराया जा रहा है।