

बलरामपुर के जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय गोंदीपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिक्षण गुणवत्ता, छात्र उपस्थिति और मध्यान्ह भोजन (MDM) की गुणवत्ता पर विशेष जोर देते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
बलरामपुर डीएम पहुंचे गोंदीपुर प्राथमिक विद्यालय
Balrampur: शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से बलरामपुर के जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने शुक्रवार को विकास खंड बलरामपुर के प्राथमिक विद्यालय गोंदीपुर का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण शिक्षण गुणवत्ता, मूलभूत सुविधाओं और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को लेकर था, जिसमें डीएम ने कई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
निरीक्षण के दौरान डीएम पवन अग्रवाल ने विद्यालय परिसर की साफ-सफाई, कक्षाओं की स्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति और छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने प्रधानाध्यापक को निर्देशित किया कि विद्यालय में नामांकन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को स्कूल से जोड़ना और उसकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
डीएम ने बच्चों से संवाद स्थापित करते हुए पाठ्यक्रम से जुड़े प्रश्न पूछे और उनके उत्तरों के आधार पर अधिगम स्तर की स्थिति को परखा। उन्होंने पाया कि बच्चों में सीखने की क्षमता तो है, लेकिन उसे और बेहतर बनाया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से नवाचारपूर्ण और बाल हितैषी शिक्षण विधियों का प्रयोग करें।
विद्यालय की उपस्थिति पर भी विशेष ध्यान देते हुए डीएम ने कहा कि केवल नामांकन भरने से काम नहीं चलेगा, बच्चों की उपस्थिति भी नियमित होनी चाहिए। इसके लिए सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने और अभिभावकों को जागरूक करने की बात कही गई।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने मध्यान्ह भोजन योजना (MDM) की भी समीक्षा की। उन्होंने रसोईघर का निरीक्षण किया और साफ-सफाई, खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और मेनू के अनुसार भोजन उपलब्धता को लेकर जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बच्चों को पौष्टिक और साफ भोजन मिलना चाहिए, इसके लिए रसोईघर की नियमित जांच हो और सभी आवश्यक मानकों का पालन हो।
इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने विद्यालय प्रशासन को आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन देने का आश्वासन दिया। डीएम पवन अग्रवाल ने अंत में यह भी कहा कि परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और आधारभूत ढांचे को सुधारने के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। नियमित निरीक्षणों और मॉनिटरिंग के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो।