

सुशीला कार्की को सरकार का प्रमुख बनने से पहले फैसला लिया गया कि 4 मार्च को देश में आम चुनाव होंगे, इसका प्रस्ताव दिया गया है। अब जो पहले कैबिनेट बैठक होगी, उसमें चुनाव घोषणा पर चर्चा की जाएगी।
राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सुशीला कार्की को शपथ दिलाई
Nepal: नेपाल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, अब नेपाल में सरकार प्रमुख एक महिला को बनाया गया। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की हैं। थोड़ी देर पहले उनको नेपाल के राष्ट्रपति ने शपथ दिलवाई। अब सवाल खड़ा होता है कि नेपाल में प्रधानमंत्री का चुनाव कब होगा? अभी सुशीला कार्की सिर्फ अंतरिम सरकार प्रमुख की जिम्मेदारी निभाएंगी, लेकिन असल में प्रधानमंत्री कब मिलेगा?
सुशीला कार्की को सरकार का प्रमुख बनने से पहले फैसला लिया गया कि 4 मार्च को देश में आम चुनाव होंगे, इसका प्रस्ताव दिया गया है। अब जो पहले कैबिनेट बैठक होगी, उसमें चुनाव घोषणा पर चर्चा की जाएगी। इसका मतलब साफ है कि आने वाले 6 दिनों में प्रधानमंत्री के लिए आम चुनाव की घोषणा की जाएगी।
Nepal Interim PM Oath: सुशीला कार्की बनी नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रमुख, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
शपथ लेने से पहले नेपाल की संसद को भंग कर दिया गया था। उसके बाद ही नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को बनाया गया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें शपथ दिलाई। सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण समारोह में नेपाल के उपराष्ट्रपति रामसहाय यादव, काठमांडू के मेयर बालेन शाह और मुख्य न्यायाधीश प्रकाश सिंह रावत जैसे दिग्गज लोग मौजूद रहे।
कौन है सुशीला कार्की जो बनेंगी नेपाल की अंतरिम पीएम, जानें पांच बड़ी बातें
शीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के बिराटनगर में हुआ था। वर्ष 1975 में उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की और वर्ष 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से क़ानून की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद वर्ष1979 में उन्होंने बिराटनगर में वकालत की शुरुआत की। वर्ष 1985 में धरान के महेंद्र मल्टीपल कैंपस में वे सहायक अध्यापिका के रूप में भी कार्यरत रहीं।
उनकी न्यायिक यात्रा का अहम पड़ाव 2009 में आया, जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अस्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वर्ष 2010 में वे स्थायी न्यायाधीश बनीं। वर्ष 2016 में कुछ समय के लिए वे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहीं और 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद संभाला।