

नगर पंचायत आनन्दनगर (फरेंदा) में पूर्व चेयरमैन से उद्घाटन दिखाकर लगाए गए शिलापट्ट से मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री और स्थानीय विधायक का नाम गायब होने पर मामला गरमा गया है। विधायक ने इसे अनुश्रवण एवं निगरानी समिति की बैठक में उठाया, वहीं कांग्रेस ने साफ कर दिया कि शिलापट्ट हटाकर नियम अनुसार नया लगाए जाने तक संघर्ष जारी रहेगा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी ने उठाया मुद्दा
Maharajganj: नगर पंचायत आनन्दनगर (फरेंदा) में शासनादेश के विरुद्ध आचरण करते हुए निर्माण कार्यों पर पूर्व चेयरमैन से उद्घाटन दर्शाते हुए शिलापट्ट लगाए जाने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ चुका है। इस शिलापट्ट पर मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री और फरेंदा विधानसभा के विधायक का नाम शामिल नहीं किया गया है, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार शिकायतकर्ता ने 7 अगस्त को ही जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर इस नियम विरुद्ध कार्य से अवगत कराया था। शुक्रवार को हुई जनपद की अनुश्रवण एवं निगरानी समिति की बैठक में फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि यह न केवल उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि शासन के आदेशों की भी अवहेलना है।
विधायक चौधरी ने कहा कि किसी भी निर्माण कार्य का शिलापट्ट शासनादेश के अनुरूप ही लगना चाहिए। जिसमें मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि का नाम होना अनिवार्य है। लेकिन यहां जानबूझकर राजनीतिक द्वेषवश नाम नहीं डाले गए, जो लोकतांत्रिक परंपराओं पर सीधा आघात है।
इस पूरे मामले में जिला कांग्रेस कमेटी और महराजगंज कांग्रेस परिवार विधायक चौधरी के साथ खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेताओं ने साफ कहा है कि वे धरना-प्रदर्शन, लिखापढ़ी और शासन स्तर तक हर कदम पर विधायक के साथ रहेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक नियम विरुद्ध शिलापट्ट को उखाड़कर नया शिलापट्ट नियम अनुसार नहीं लगाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए और नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाए। उनका कहना है कि यह मामला केवल नाम हटाने का नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।