

महराजगंज निवासी अधिवक्ता और समाज सेवी विनय कुमार पांडेय की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon.in प्रतिबंधित श्रेणी का चाकू खुलेआम बेच रहा है। आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए 10 दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज पद पूरी खबर
शिकायत करता वरिष्ठ अधिवक्ता विनय पांडेय
Maharajganj: ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म Amazon.in एक गंभीर विवाद में फंस गया है। उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता और समाज सेवी विनय कुमार पांडेय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को दी गई शिकायत में आरोप लगाया कि ई-कॉमर्स कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित श्रेणी के चाकू की बिक्री कर रही है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार शिकायत के मुताबिक, 26 अगस्त को लगभग 11 बजे शिकायतकर्ता Amazon.in पर सब्जी काटने वाला चाकू खोज रहे थे। उसी दौरान उन्हें 10 इंच लंबा चाकू बिक्री के लिए उपलब्ध दिखाई दिया। यह देखकर वे चौंक गए क्योंकि शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा-2 में साफ परिभाषा है कि कोई भी चाकू जिसकी धार 9 इंच से अधिक लंबी हो या जिसकी चौड़ाई 2 इंच से ज्यादा हो, वह निषिद्ध शस्त्र की श्रेणी में आता है।
https://t.co/0opOhgSdd3 पर बिक रहे 10 इंच का प्रतिबंधित चाकू, महराजगंज के अधिवक्ता की शिकायत पर NHRC सख्त – इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय को नोटिस, 10 दिन में मांगी रिपोर्ट, बोलते शिकायतकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय pic.twitter.com/S8HbGn7f0W
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 12, 2025
शिकायतकर्ता के अनुसार, इस प्रकार के चाकुओं की बिक्री आम लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। कानून के मुताबिक, ऐसे हथियार केवल घरेलू, कृषि, वैज्ञानिक या औद्योगिक उपयोग तक सीमित होने चाहिए। लेकिन अगर इन्हें खुले बाजार या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचा जाता है तो इसका दुरुपयोग अपराधों में हो सकता है। यही कारण है कि कानूनन इसकी अनुमति नहीं है।
प्रार्थी ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया कि शस्त्र अधिनियम की धारा-20 में स्पष्ट प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार का शस्त्र लेकर पाया जाता है और उसके अवैध उपयोग की आशंका है तो उसे बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है। ऐसे में Amazon.in द्वारा इन वस्तुओं की बिक्री न केवल अवैध है बल्कि सामाजिक रूप से भी खतरनाक है।
NHRC का संज्ञान और नोटिस
4 सितम्बर 2025 को दाखिल शिकायत पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इसे गंभीर मामला माना। आयोग ने कहा कि यह प्रथम दृष्टया मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला प्रतीत होता है, क्योंकि किसी भी प्रतिबंधित हथियार की उपलब्धता से आम नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता को खतरा हो सकता है।
माननीय सदस्य प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई की और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के अंतर्गत नोटिस जारी किया। आयोग ने मंत्रालय को आदेश दिया कि वह 10 दिनों के भीतर मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
साथ ही, शिकायत की एक प्रति विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा), गृह मंत्रालय, भारत सरकार को भी सूचनार्थ भेजी गई है। आयोग ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट एचआरसीनेट पोर्टल के माध्यम से ही प्रस्तुत की जाए, ईमेल द्वारा भेजी गई रिपोर्ट स्वीकार नहीं की जाएगी।
कंपनी की भूमिका पर सवाल
शिकायतकर्ता का आरोप है कि Amazon.in ने अपने प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित शस्त्रों की बिक्री कर आपराधिक षड्यंत्र (Criminal Conspiracy) का मार्ग प्रशस्त किया है। यदि इन चाकुओं से कोई अपराध घटित होता है, तो इसके लिए कंपनी और उसके जिम्मेदार अधिकारी सह अभियुक्त (Co-accused) माने जा सकते हैं।
यही नहीं, इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) और साइबर अपराध (Cyber Crime) से जुड़ी धाराएँ भी लागू हो सकती हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित वस्तुओं की बिक्री, साइबर कानूनों के सीधे उल्लंघन की श्रेणी में आती है।
गंभीर कानूनी पहलू
1. शस्त्र अधिनियम 1959, धारा-2: 9 इंच से लंबा या 2 इंच से चौड़ा चाकू निषिद्ध शस्त्र है।
2. शस्त्र अधिनियम, धारा-20: ऐसे शस्त्र के अवैध उपयोग की आशंका होने पर गिरफ्तारी का प्रावधान।
3. आईटी एक्ट: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा प्रतिबंधित वस्तुओं की बिक्री, आईटी एक्ट की धारा का उल्लंघन है।
4. साइबर क्राइम: डिजिटल माध्यम से अवैध हथियार की उपलब्धता साइबर अपराध की श्रेणी में आती है।
आगे की कार्यवाही
अब इस मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 10 दिनों में रिपोर्ट देनी है। रिपोर्ट आने के बाद NHRC आगे की कार्यवाही करेगा। यदि मंत्रालय की जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो Amazon.in के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई संभव है।