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नजमा बेगम और उनकी बेटी परवीन वारसी ने धर्म की सीमाओं को मिटाकर एक नई मिसाल पेश की है। पिछले 25 वर्षों से दोनों पूरे विधि-विधान से छठ पूजा करती हैं। पुत्र प्राप्ति की कामना से शुरू हुआ यह व्रत अब धार्मिक एकता का प्रतीक बन गया है।
Chandauli: चंदौली जिले की चकिया तहसील के सैदपुर गांव की रहने वाली नजमा बेगम और उनकी बेटी परवीन वारसी ने धार्मिक सौहार्द की अनोखी मिसाल पेश की है। नजमा बेगम पिछले 25 वर्षों से पूरे विधि-विधान के साथ छठ पूजा करती आ रही हैं। उनकी यह यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने एक हिंदू परिवार के संपर्क में आने के बाद पुत्र प्राप्ति की मनोकामना से छठ व्रत रखा था।
27 अक्टूबर की शाम छठ पूजा के तीसरे दिन मां-बेटी ने पीडीडीयू नगर तहसील के पास स्थित तालाब पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। वहां मौजूद सैकड़ों महिलाओं ने भी श्रद्धा के साथ सूर्य देवता की पूजा की।नजमा बेगम बताती हैं कि उनकी मनोकामना पूर्ण होने के बाद भी उन्होंने अपनी पांच बेटियों के साथ यह परंपरा जारी रखी। उनकी बड़ी बेटी परवीन वारसी अब इस विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। परवीन का कहना है कि वे नवरात्र, दीपावली और होली जैसे हिंदू त्योहारों को भी श्रद्धापूर्वक मनाती हैं, क्योंकि उनके लिए सभी धर्म समान हैं।