कृषि अदान व्यापारियों ने कृषि विभाग पर लगाए प्रताड़ना के आरोप, कहा- मजबूर हैं हम, जानें पूरा मामला

किसानों और व्यापारियों ने विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसकी वजह से शनिवार को जबरदस्त हंगामा किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 28 June 2025, 1:51 PM IST
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मैनपुरी: उत्तर प्रदेश सरकार जहां किसानों और व्यापारियों के हित में तमाम योजनाएं और नीतियां लागू कर रही है, वहीं मैनपुरी में कृषि विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली इन योजनाओं को पलीता लगाने में लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों और व्यापारियों को राहत देने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इसके बावजूद ज़मीनी स्तर पर व्यापारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी क्रम में आज मैनपुरी के कृषि अदान व्यापारियों ने कृषि विभाग के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया।

तिकोनिया पार्क में किसानों का धरना प्रदर्शन

मैनपुरी जिला मुख्यालय स्थित तिकोनिया पार्क में कृषि अदान व्यापारियों ने एकजुट होकर कृषि विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। नाराज व्यापारियों ने विभाग के अधिकारियों पर उत्पीड़न और अनावश्यक दबाव बनाने के आरोप लगाए। इस दौरान व्यापारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह को सौंपा।

ज्ञापन में उठाए गंभीर मुद्दे

ज्ञापन में व्यापारियों ने बताया कि यूरिया की बिक्री पर उन्हें भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। निर्माता कंपनियां यूरिया को 242 रु. से 246 रु. प्रति बोरी के हिसाब से बिल करती हैं और मात्र 4 रु. से 5 रु. तक का भाड़ा देती हैं, जबकि वास्तविक भाड़ा 25 रु. से 30 रु. तक आता है। इससे व्यापारियों को सीधा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि कृषि विभाग कीटनाशकों की गुणवत्ता पर सवाल उठाकर व्यापारियों के लाइसेंस निलंबित करने और उन पर मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देता है, जबकि कीटनाशक बिक्री की अनुमति लखनऊ स्थित मुख्यालय से प्राप्त होती है।

व्यापारियों की प्रमुख मांगें

कृषि अदान व्यापारियों ने मांग की है कि उन्हें फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा निर्धारित सरकारी रेट पर ही उत्पाद उपलब्ध कराया जाए। टैगिंग व्यवस्था तत्काल बंद की जाए। जिम्मेदारी व्यापारियों पर नहीं, बल्कि निर्माता कंपनियों पर डाली जाए। अनावश्यक लाइसेंस निलंबन और कानूनी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।

लाइसेंस समर्पण की चेतावनी

व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो वे अपने-अपने लाइसेंस सरकार और जिला प्रशासन को सौंप देंगे। इससे जिले में खाद-बीज की आपूर्ति और कृषि कार्यों पर सीधा असर पड़ सकता है।

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