

सदर तहसील क्षेत्र के जंगल कौड़िया ब्लॉक अंतर्गत मीरपुर ग्रामसभा गंभीर पेयजल संकट से जूझ रही है। पिछले पांच दिनों से पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद है, जिससे ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।
जल निगम से की शिकायत
गोरखपुर: सदर तहसील क्षेत्र के जंगल कौड़िया ब्लॉक अंतर्गत मीरपुर ग्रामसभा गंभीर पेयजल संकट से जूझ रही है। पिछले पांच दिनों से पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद है, जिससे ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।
गांव की पेयजल आपूर्ति करने वाली मोटर लगभग पांच दिन पहले खराब हो गई थी। इसके बाद से न तो मोटर की मरम्मत हुई और न ही कोई वैकल्पिक प्रबंध किया गया। जल निगम की पाइपलाइन से पहले नियमित पानी आता था, लेकिन अब स्थिति बदतर हो गई है। कई परिवारों के घरों में पीने के लिए पानी खत्म हो चुका है।
गोरखपुर: प्राथमिक विद्यालय बाड़ेपार जलभराव से स्कूल का बुरा हाल, जिम्मेदार विभाग मौन
ग्रामीण अब पुराने इंडिया मार्का हैंडपंप से पानी भरकर लाने को मजबूर हैं। कुछ परिवार तो पानी खरीदने पर मजबूर हो गए हैं। स्थानीय निवासी रामआसरे ने कहा, “जल निगम के अधिकारी सिर्फ कागजों में सक्रिय हैं, जमीन पर कुछ नहीं दिखता।”
रविवार को जल निगम की ओर से मरम्मत के लिए मिस्त्री तो भेजा गया, लेकिन आवश्यक पुर्जे न मिलने के कारण वह काम अधूरा छोड़कर चला गया। अब पुर्जों के आने का इंतजार है, तब तक जलापूर्ति बहाल होने की उम्मीद कम है।
ग्रामीण विभाग की लापरवाही और उदासीनता पर बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि बड़ी समस्या होने के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर जाकर स्थिति का जायजा नहीं ले रहा। न तो पानी के टैंकर उपलब्ध कराए गए और न ही अस्थायी मोटर लगाई गई।
गोरखपुर में हुई PCS परीक्षा: गेट बंद होने के बाद कई अभ्यर्थियों को नहीं मिली एंट्री, प्रशासन अलर्ट
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि अगले 24 घंटे में पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो वे जल निगम कार्यालय और ब्लॉक मुख्यालय का घेराव करेंगे। गांव में यह सवाल गूंज रहा है कि क्या विभाग को बड़े विरोध या हंगामे का इंतजार है, तब जाकर वे जागेंगे।
मीरपुर ग्रामसभा के ग्रामीण आज पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं और जल निगम की निष्क्रियता उनकी परेशानी बढ़ा रही है। तत्काल मरम्मत और वैकल्पिक इंतजाम की जरूरत है, नहीं तो स्थिति और खराब हो सकती है।